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Pakistan में गिरी Super Sonic Missile मामले में कई IAF अधिकारी दोषी

9 मार्च को भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल (बिना हथियारों से लैस) लाहौर से करीब 275 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरी थी. इससे एक कोल्ड स्टोरेज को नुकसान पहुंचा था.

Updated on: 11 Apr 2022, 07:15 AM

highlights

  • 9 मार्च को भारतीय मिसाइल गलती से पाकिस्तान में जा गिरी थी
  • इसके बाद भारतीय वायुसेना ने उच्चस्तरीय जांच के दिए थे आदेश
  • पाक ने 'असुरक्षित' भारतीय मिसाइल कार्यक्रम पर मचाया था हंगामा

नई दिल्ली:

मार्च महीने की 9 तारीख को भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल ब्रम्होस (Brahmos) के पाकिस्तान में गलती से गिर जाने के बाद बड़ी हाय-तौबा मची थी. गनीमत यह रही थी कि सुपरसोनिक मिसाइल (Missile) किसी हथियार से लैस नहीं थी. इस कारण बड़ा हादसा होते-होते बच गया था. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान (Pakistan) से खेद जताते हुए पूरे प्रकरण पर जांच बैठा दी थी. इस जांच में अब भारतीय वायु सेना ने (IAF) एक से अधिक अधिकारियों को सुपरसोनिक मिसाइल के भूलवश फायरिंग के मामले में दोषी पाया है. दोषी पाए गए ये अधिकारी मिसाइल स्क्वाड्रन से संबंध रखते हैं.

दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत
सूत्रों ने कहा है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एयर वाइस मार्शल आरके सिन्हा इस बात की जांच कर रहे हैं कि नियमित रख-रखाव कार्य के दौरान मिसाइल कैसे दागी गई. मंत्रालय ने कहा था कि नौ मार्च को नियमित रख-रखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण भूलवश मिसाइल दागी चली गई. भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है. मंत्रालय ने कहा था, 'यह पता चला है कि मिसाइल पाकिस्तान के एक इलाके में उतरी. यह घटना बेहद खेदजनक है, लेकिन यह भी राहत की बात है कि दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई.' पाकिस्तान ने भी इस घटना पर कड़ा प्रतिरोध जताया था.

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भविष्य के लिए और सख्त हुई प्रक्रिया
सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायु सेना ने इससे सबक लेते हुए भविष्य में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया के सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं. 9 मार्च को भारतीय सुपरसोनिक मिसाइल (बिना हथियारों से लैस) लाहौर से करीब 275 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरी थी. इससे एक कोल्ड स्टोरेज को नुकसान पहुंचा था. हालांकि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई. भारत ने मसले पर तुरंत ही उच्च स्तरी जांच बैठा दी थी. इस जांच में भारतीय ग्रुप कैप्टन पर शक होने की खबर थी. भारतीय वायुसेना की जांच के घेरे में अब ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं. गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मसले पर संसद में प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने सदन में कहा था कि अनजाने में हुई ये घटना खेदजनक है, हमारा मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद है.