मॉब लिंचिंग पर बोले राजनाथ सिंह, जरूरत पड़ी तो सरकार लाएगी ठोस कानून
जरूरत पड़ी तो सरकार मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कानून भी लाएगी
नई दिल्ली:
मॉब लिंचिंग मामले को लेकर सदन में जारी हंगामें के बीच केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो सरकार ठोस क़ानून भी लाने को तैयार है।
गृहमंत्री ने लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि 'मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है और वह अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के बाद ही सरकार कठोर कार्रवाई के लिए कदम उठा सकती है। इतना ही नहीं अगर जरूरत हुई तो सरकार कठोर कानून लाने के लिए भी तैयार है।'
वहीं इस मामले को लेकर सदन में विपक्ष द्वारा हंगामा किए जाने को लेकर गृहमंत्री ने कहा, 'लिंचिंग की घटनाएं पहली बार नहीं हो रही हैं। 1984 में हुई हिंसा मॉब लिंचिंग का सबसे बड़ा उदाहरण था लेकिन ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।'
गौरतलब है कि मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर सदन में टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे और सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम समेत कई नेताओं ने क्रेंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अलवर लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस भी आरोपियों के साथ शामिल है। इसलिए मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए।
वहीं सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि आज समाज में नफरत फैलाई जा रही है और बहुमत में जो लोग हैं वो ऐसी आग भड़का रहे हैं। ऐसी घटनाओं पर चर्चा भी शर्मसार करने वाला है। अगर हम हत्यारे को माला पहनाएंगे तो ऐसी घटनाएं होंगी।
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने मॉब लिंचिंग मुद्दा को लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरा बताते हुए कहा कि सरकार को इस मामले पर कठोर कदम उठाना चाहिए।
बता दें कि अराजक भीड़ पर नियंत्रण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, साथ ही मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी का भी गठन किया है।
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