मोहन भागवत बोले, अनुच्छेद 370 हटने के पहले जम्मू-लद्दाख के साथ होता था भेदभाव
जम्मू-कश्मीर से धारा-370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बदलाव करते हुए दूसरे राज्यों के ऐसे पुरुषों को वहां का स्थायी निवासी बनाने की व्यवस्था की गई है.
highlights
- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा जम्मू-कश्मीर में हो रहा है विकास
- धारा 370 हटने के बाद सभी के लिए विकास का रास्ता खुल गया
- अनुच्छेद 370 के बहाने जम्मू-लद्दाख में पहले भेदभाव किया जाता था
नई दिल्ली:
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी कर दिया गया था. केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का ऐलान भी किया था. इस अवधि में जम्मू-कश्मीर से जुड़े कई प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है. इतना ही नहीं, केंद्र शासित राज्य के हालात भी काफी कुछ बदल गए हैं. केंद्र सरकार का दावा है कि धारा -370 को निष्प्रभावी करने के बाद राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है. पहले विकास का पैसा भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाता था.
अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी जम्मू-कश्मीर में विकास होने का दावा किया है. शनिवार को नागपुर में मोहन भागवत ने कहा कि " मैंने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और वर्तमान स्थिति देखी. धारा 370 हटने के बाद सभी के लिए विकास का रास्ता खुल गया है. अनुच्छेद 370 के बहाने जम्मू-लद्दाख में पहले भेदभाव किया जाता था. वह भेदभाव अब मौजूद नहीं है."
I visited J&K &saw the current situation. After the abrogation of Article 370, the path to development has opened for all. On the pretext of Article 370,Jammu & Ladakh were discriminated against earlier. That discrimination doesn't exist anymore: RSS chief Mohan Bhagwat in Nagpur pic.twitter.com/qfX0Kw0f0g
— ANI (@ANI) October 16, 2021
जम्मू-कश्मीर से धारा-370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बदलाव करते हुए दूसरे राज्यों के ऐसे पुरुषों को वहां का स्थायी निवासी बनाने की व्यवस्था की गई है, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की लड़की से शादी की हो. अभी तक ऐसे मामलों में महिला के पति और बच्चों को जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं माना जाता था.
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केंद्र सरकार ने घाटी से बाहर के लोगों को कश्मीर में गैर-कृषि योग्य जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है. पहले सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोग ही ऐसा कर सकते थे. 2019 में अनुच्छेद-370 हटने के 20 दिन बाद श्रीनगर सचिवालय से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटाकर तिरंगा फहराया गया. सभी सरकारी कार्यालयों और संवैधानिक संस्थानों पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाने लगा.
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