जम्मू-कश्मीर में मार्च 2022 से पहले विधानसभा चुनाव की कोशिश में केंद्र

सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में इस दिसंबर से अगले साल मार्च के बीच चुनाव कराने की कोशिश में है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
All Party Meet

बेहद खुले माहौल में बात हुई सर्वदलीय बैठक में.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

लगभग 22 महीने पहले जब अगस्त 2019 में मोदी सरकार (Modi Government) ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला किया था, तब घाटी के नेताओं की तरफ से तीखी बयानबाजी हुई थी. तमाम नेता नजरबंद किए गए थे और बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात रहे. इसके साथ ही लंबे समय तक इंटरनेट सस्पेंड रहा. अब हालात बदल चुके हैं. वही नेता जो तल्ख-जुबानी कर रहे थे, गुरुवार को पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के साथ दिल्ली में सौहार्द के माहौल में राज्य के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहे थे. दिलो की दूरियां मिटाने की बातें हो रही थीं. बैठक के बाद पीएम मोदी ने संकेत दिए कि सरकार जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी में जुटी है. सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्र शासित राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हालांकि इसके लिए परिसीमन निर्धारण का काम जल्द पूरा कराना होगा. सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में इस दिसंबर से अगले साल मार्च के बीच चुनाव कराने की कोशिश में है. परिसीमन को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग भी बना दिया गया है, जो जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.

Advertisment

7 सीटों के बढ़ने की संभावना
परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी. पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. इसके बाद फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक संसद में पारित किए जाने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने आश्वासन दिया था कि केंद्र उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करेगा. ऐसे में गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खुले माहौल में हुई है. सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट कर यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रशासित प्रदेश में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर पर बैठक में बोले PM मोदी- दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी कम करेंगे

डीडीसी चुनाव में सबसे बड़ा दल बनी बीजेपी
सात महीने पहले ही इस केंद्रशासित प्रदेश में जिला विकास परिषद के चुनाव संपन्न हुए थे. इस चुनाव में गुपकर गठबंधन को 280 में से 110 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. गठबंधन के दलों में नेशनल कांफ्रेस को सबसे अधिक 67 सीटों पर विजय हासिल हुई थी, जबकि 75 सीटों के साथ बीजपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. जम्मू-कश्मीर में 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है. सर्वदलीय बैठक में शामिल ज्यादातर राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई.

HIGHLIGHTS

  • केंद्र जम्मू-कश्मीर में इस दिसंबर से अगले साल मार्च के बीच चुनाव करा सकता है
  • परिसीमन पर सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग भी गठित
  • परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी
पीएम नरेंद्र मोदी assembly-elections Supreme Court Delimitation jammu-kashmir मोदी सरकार Modi Government सर्वदलीय बैठक विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर परिसीमन सुप्रीम कोर्ट all party meet PM Narendra Modi
      
Advertisment