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मोदी सरकार वरिष्ठ नागरिकों को रोजगार देने के लिए करेगी पोर्टल विकसित

प्लेटफॉर्म के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि के साथ-साथ पांच साल के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये के रखरखाव अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा.

Updated on: 01 Oct 2021, 03:25 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक जॉब पोर्टल विकसित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. 'सीनियर एबल सिटिजन्स फॉर री एम्प्लॉयमेंट इन डिग्निटी' (एसएसीआरईडी) नाम का पोर्टल, वरिष्ठ नागरिकों और प्रदाताओं को रोजगार की तलाश में एक मंच पर लाएगा. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का कहना है कि इसका उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के स्वस्थ, खुशहाल, सशक्त, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन सुनिश्चित करना है. प्लेटफॉर्म के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि के साथ-साथ पांच साल के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये के रखरखाव अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा.

इसी तरह विभिन्न व्यावसायिक उद्यमों में पोर्टल के प्रचार के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. मंत्रालय के अनुसार एक वरिष्ठ नागरिक अपनी प्रासंगिक शिक्षा, पिछले अनुभव, कौशल और रुचि के क्षेत्रों के साथ पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करवाएगा. व्यक्ति अपेक्षित कार्यो के संबंध में कीवर्ड का भी चयन करेगा, जो नौकरी प्रदाताओं को उन्हें स्वचालित रूप से खोजने में सक्षम बनाएगा. मंत्रालय ने कहा, 'कोई भी नौकरी प्रदाता - व्यक्ति, फर्म, कंपनी, साझेदारी और स्वैच्छिक संगठन - पोर्टल पर भी पंजीकरण कर सकता है. नौकरी प्रदाता इसमें शामिल कार्य और इसे पूरा करने के लिए आवश्यक वरिष्ठ नागरिकों की संख्या निर्दिष्ट करेगा.'

स्वैच्छिक संगठन वरिष्ठ नागरिकों को इन नौकरियों के लिए आवेदन करने में मदद करेंगे और किसी भी स्वैच्छिक संगठन द्वारा किसी भी वरिष्ठ नागरिक से कोई उपयोगकर्ता शुल्क नहीं लिया जाएगा. मंत्रालय ने कहा, 'इसलिए, रोजगार पोर्टल न केवल रोजगार चाहने वाले वरिष्ठ नागरिकों, बल्कि नियोक्ताओं, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कौशल हासिल करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और अन्य एजेंसियों या व्यक्तियों की भी सेवा करेगा.' मंत्रालय ने हालांकि, स्पष्ट किया कि 'रोजगार विनिमय पोर्टल' नौकरी या रोजगार पाने या एसएचजी के उत्पादों की बिक्री, या किसी अन्य गतिविधि के लिए गारंटी नहीं होगा.