New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/05/27/anand-sharma-97.jpg)
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा( Photo Credit : फाइल फोटो)
कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को कहा कि भारत-चीन सीमा (India-china border) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़़ा गंभीर विषय है और सरकार को चाहिए कि देश को विश्वास में ले तथा लोगों की चिंताओं का निदान करे. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा कि लद्दाख की पेंगोंग त्सो झील और गल्वान घाटी में चीनी सैनिकों की घुसपैठ तथा दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच गतिरोध राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंता का विषय है. उनके मुताबिक, मौजूदा गतिरोध से लोगों के बीच चिंता पैदा हुई है.
यह भी पढ़ेंःदेश समाचार नक्शा विवाद में एक कदम पीछे हटा नेपाल, नए नक्शे को संसद से पारित किए जाने का प्रस्ताव लिया वापस
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार से आग्रह करती है कि वह लोगों की चिंताओं का निदान करने के लिए देश को विश्वास में ले. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि चीन के साथ सीमा पर कथित तनातनी और भारत-नेपाल रिश्तों में आई हालिया तल्खी से जुड़े मुद्दों को लेकर पारदर्शिता की जरूरत है और सरकार को इस बारे में देश को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए.
गौरतलब है कि लद्दाख में दोनों देशों की सीमा पर स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 5 मई को झड़प हो गई और इसके बाद स्थानीय कमांडरों के बीच बैठक भी हुई. 9 मई को उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की है.
चीन ने कहा- भारत सीमा पर हालात ‘पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं’
चीन (China) ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात ‘पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं’ तथा दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये टिप्पणियां कीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है. उन्होंने कहा कि हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं. वह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अनौपचारिक बैठकों के बाद उनके उन निर्देशों का जिक्र कर रहे थे जिनमें उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं को परस्पर विश्वास पैदा करने के वास्ते और कदम उठाने के लिए कहा था.
विदेश मंत्रालय के बयान से एक दिन पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता के साथ देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा. झाओ ने कहा कि हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुत्ता और सुरक्षा की रक्षा तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब चीन-भारत सीमा इलाके में हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण योग्य हैं.
उन्होंने सीमा पर तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाने की खबरों की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देशों के पास सीमा से संबंधित अच्छा तंत्र और संचार माध्यम हैं. हम बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं. यह पूछे जाने पर कि बातचीत कहां हो रही है, इस पर झाओ ने कहा कि दोनों देशों ने सीमा संबंधित तंत्र और कूटनीतिक माध्यम स्थापित किए हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें सीमा बलों और हमारे राजनयिक मिशनों के बीच बातचीत शामिल है. करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है. हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है. यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग, तनातनी की घटनाओं के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्पष्ट संकेत देता है.
भारत ने कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसकी सेनाओं की सामान्य गश्त में बाधा डाल रही है और उसने बीजिंग के उस दावे का कड़ा खंडन किया कि दोनों सेनाओं के बीच तनाव भारतीय सेना के चीनी सीमा की ओर घुसपैठ करने से बढ़ा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सभी गतिविधियां सीमा पर उसकी तरफ हैं. उसने कहा कि भारत सीमा प्रबंधन पर हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाता है. साथ ही उसने कहा कि भारत अपनी संप्रभुत्ता तथा सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.