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16 करोड़ का वादा कर 10 लाख रोजगार का झुनझुना थमा रही है सरकार: कांग्रेस

पीएम मोदी के 10 लाख बेरोजगारों को अगले डेढ़ वर्षों के दौरान रोजगार देने वाले बयान के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा है कि मोदी जी ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था.

Updated on: 14 Jun 2022, 12:17 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री ने हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का किया था वादा
  • इस तरह 8 साल में 16 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था
  • 8 वर्ष बाद सरकार मात्र 10 लाख रोजगार की कर रही है बात

नई दिल्ली:

बढ़ती बेरोजगारी (UNemployment) और आर्थिक मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को सरकार रोजगार सृजन के जरिए बूस्टर डोज के तहत अगले डेढ़ वर्षों के दौरान 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी (Government Jobs) देने का ऐलान किया है. सरकार के इस कदम को 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के लिए बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. लेकिन, कांग्रेस (Congress) ने अभी से इसकी हवा निकालनी शुरू कर दी है. पीएम मोदी के 10 लाख बेरोजगारों को अगले डेढ़ वर्षों के दौरान रोजगार देने वाले बयान के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा है कि मोदी जी ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. यानी 8 साल में 16 करोड़ रोजगार देने थे, लेकिन अब मोदी जी कह रहे हैं कि 2024 तक केवल 10 लाख नौकरियां देंगे. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से सवालिया लहजे में पूछा कि 16 करोड़ नौकरियों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि सरकार युवा विरोधी नीति की वजह से इस वक्त देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.


गौरतलब है कि इससे पहले बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को सरकार रोजगार सृजन के जरिए बड़ा बूस्टर डोज देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार द्वारा अगले डेढ़ वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए. अगर सरकार इस वादे को पूरा कर पाती है तो यह 2024 के चुनाव में सरकार का एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक होगा.

रोजगार के मामले में विपक्ष के निशाने पर थी सरकार
दरअसल, देश में इस वक्त बेरोजगारी चरम पर है. इस मसले पर कांग्रेस समेत देश के तमाम विपक्षी दल लगातार भाजपा सरकार पर हमला बोलती रही है. भाजपा सांसद वरुण गांधी भी लगातार इस मसले को उठाते रहे हैं. इन नेताओं का सरकार पर यह आरोप है कि विभिन्न सरकारी विभागों में ही लाखों पद खाली पड़े हैं, लेकिन बेरोजगारी के इस दौर में भर्तियां खोलकर सरकार योग्य युवाओं को रोजगार का मौका नहीं दे रही है.

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2024 के चुनाव में साबित हो सकता है मास्टर स्ट्रोक
बेरोजगारी और मंदी के इस दौर में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर से दिया गया यह निर्देश रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आया है. अगर सरकार नियत समय में इस पर अमल कर लेती है तो यह केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा दोनों के लिए एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है. दरअसल, अगले डेढ़ वर्षों यानि 2023 के आखिर तक अगर सरकार 10 लाख लोगों को अपने स्तर पर नौकरी दे देती है तो देश में रोजगार की स्थिति में हर स्तर पर सकारात्मक बदलाव आएगा. लिहाजा, इसका असर इसके कुछ महीनों बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ना तय माना जा रहा है.