कोरोना वैक्सीन देश के सभी लोगों को नहीं लगेगी, जानें सरकार ने ऐसा क्यों कहा

कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सभी लोगों को टीका लगाया जाएगा. सरकार ने कहा कि उसने कभी नहीं कहा कि पूरी जनसंख्या को टीका लगाया जाएगा.

कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सभी लोगों को टीका लगाया जाएगा. सरकार ने कहा कि उसने कभी नहीं कहा कि पूरी जनसंख्या को टीका लगाया जाएगा.

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nitu pandey
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कोरोना वैक्सीन देश के सभी लोगों को नहीं लगेगी, बोली सरकार ( Photo Credit : ANI)

कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सभी लोगों को टीका लगाया जाएगा. सरकार ने कहा कि उसने कभी नहीं कहा कि पूरी जनसंख्या को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सिर्फ उतनी ही आबादी को टीका लगाया जाएगा, जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ी टूट जाए. 

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स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा, 'मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी नहीं कहा है कि पूरे देश का टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता पर निर्भर करेगा.'

उन्होंने कहा कि हमारा मकसद कोरोना की कड़ी को तोड़ना है. अगर हम जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन देने में सफल होते हैं और संक्रमण की कड़ी को खत्म करने में सफल होते हैं तो पूरी आबादी को टीका लगाने की जरूरत नहीं होगी. 

इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल जारी रहेगा. दरअसल, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के एक शख्स पर इसका दुष्प्रभाव दिखाई दिया. जिससे वैक्सीन की टाइमलाइन प्रभावित होने की आशंका जताई गई. इसपर हेल्थ सेक्रटरी राजेश भूषण ने साफ कहा कि इससे टाइमलाइन प्रभावित नहीं होगी. ट्रायल जारी रहेगी.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड भी डे टु डे आधार पर क्लीनिकल ट्रायल्स की निगरानी कर रहा है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स पर नजर रखता है. कहीं कोई साइडइफेक्ट की बात होती है तो उसे दर्ज किया जाता है. यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि दुष्प्रभाव की वजह वैक्सीन है या फिर कुछ और. 

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भारत में कोरोना की स्थिति पर राजेश भूषण ने बताया कि देश में 11 नवंबर को पॉजिटिविटी रेट 7.15% था और 1 दिसंबर को ये 6.69% हो गया है. आज भी विश्व के बड़े देशों में भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं. अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं.

Source : News Nation Bureau

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