Spray Of Bullets:अतीक की हत्या बाद केंद्र बना रहा पत्रकारों की सुरक्षा के लिए SOP
गृह मंत्रालय ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मानक दिशा-निर्देश तैयार करने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में पत्रकार बनकर आए अतीक और अशरफ के तीन हमलावरों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है.
highlights
- अतीक-अशफाक हत्या के बाद मोदी सरकार उठा रही है कदम
- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बनाए जा रहे हैं मानक दिशा-निर्देश
- मीडियाकर्मी बन कर आए थे अतीक-अशफाक के हमलावर
नई दिल्ली:
गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक (Atiq) अहमद और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की शनिवार रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुई हत्या (Atiq Murder) का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय (MHA) ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मानक दिशा-निर्देश तैयार करने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय (Home Ministry) के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज में पत्रकार बनकर आए अतीक और अशरफ के तीन हमलावरों के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है. यह निर्णय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में लिया गया है. प्रयागराज में शनिवार रात मीडिया (Journalists) की भारी उपस्थिति समेत पुलिस की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच माफिया सरगना अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
हमलावरों ने खुद को मीडियाकर्मी जताया
उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को कहा कि गैंगस्टर और उसके भाई के हमलावरों ने अपराध स्थल पर पत्रकारों के रूप में खुद को पेश किया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अतीक-अशरफ के हमलावर खुद को पत्रकारों के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे. एक हमलावर के पास कैमरा था, जो खुद को कैमरामैन जता रहा था. दूसरा एनसीआर लिखे माइक को लिए इधर-उधर घूम रहा था. तीसरा इन दोनों हमलावरों की मदद कर रहा था. मेडिकल चेक-अप के लिए अतीक-अशरफ के पहुंचते ही पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया था. अतीक-अशरफ के हमलावर भी इसी बहाने उनके और करीब आ गए. फिर एक हमलावर ने बहुत करीब से दोनों भाइयों के सिर पर गोली मार दी. गोली लगते ही माफिया भाई जमीन पर गिर पड़े. इसके बाद अन्य दो हमलावरों ने भी कैमरा और माइक फेंक फायरिंग शुरू कर दी.
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मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल आए थे माफिया भाई
अतीक अहमद 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड और इस साल फरवरी में उस हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपी था. शूटिंग रात 10 बजे के आसपास हुई और कैमरे में कैद हो गई, क्योंकि मीडियाकर्मी हथकड़ी लगाए दोनों का पीछा कर रहे थे. अतीक-अशरफ को मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा अस्पताल ले जाया जा रहा था.
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