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मोदी सरकार ने फिर शुरू की ये पेंशन योजना, जानें कैसे मिलेगा इसका फायदा

सरकार ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा योजना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) तीन साल यानी मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दी.

Updated on: 20 May 2020, 08:38 PM

दिल्ली:

सरकार (Modi Government) ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा योजना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) तीन साल यानी मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में योजना तीन साल के लिए 31 मार्च 2023 तक बढ़ाने का निर्णय किया गया. पीएमवीवीवाई का क्रियान्वयन जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के जरिये किया जा रहा है. इसमें योजना में शामिल होने पर 60 साल और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी गई है.

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आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सालाना 7.4 प्रतिशत प्रतिफल की गारंटी तय है. उसके बाद इस पर प्रतिफल की गारंटी की समीक्षा वार्षिक आधार पर की जाएगी. इससे पहले, योजना में प्रतिफल 8 प्रतिशत नियत किया गया था. सरकार की वित्तीय जवाबदेही निवेश राशि पर एलआईसी द्वारा अर्जित बाजार रिटर्न और 7.4 प्रतिशत की रिटर्न (गारंटी शुदा प्रतिफल) के बीच कम पूरा करने तक सीमित है.

यह व्यवस्था 2020-21 के लिए है और उसके बाद इस योजना पर ब्याज दर हर साल वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) के अनुरूप तय होगी. योजना के प्रबंधन पर पहले साल के खर्च को निवेश राशि के 0.5 प्रतिशत पर नियत किया गया है. दूसरे साल से अगले नौ साल तक खर्च 0.3 प्रतिशत सालाना तय किया गया है. योजना की घोषणा 2017-18 और 2018-19 के बजट में की गयी थी.

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वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में पीएमवावावाई के तहत अधिकतम निवेश राशि दोगुनी कर 15 लाख प्रति वरिष्ठ नागरिक कर दी गई. दस साल की इस योजना में पेंशन मासिक, तिमाी, छमाही, सालाना ली जा सकती है.

जानें किसके लिए है ये योजना?

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत वृद्धजनों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाती है. इस योजना को एलआईसी के तहत रखा गया है. पेंशन स्‍कीम होने से 60 साल की उम्र के बाद इसका लाभ मिल सकता है.

1.50 लाख का निवेश

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना का हिस्‍सा बनने के लिए कम-से-कम 1.50 लाख का निवेश करना होगा. इसके बाद निवेशक को पेंशन के लिए एक निश्चित तारीख, बैंक अकाउंट और अवधि का चयन करना होता है. उदाहरण के लिए अगर हर माह की 15 तारीख को आपको पेंशन चाहिए तो इस तिथि का चयन करना होगा. इसी तरह अगर निवेशक चाहे तो पेंशन के विकल्‍प का चयन कर सकता है. मतलब कि आपको मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना पेंशन चाहिए तो ये भी विकल्प चुन सकते हैं.

आपने अगर मासिक विकल्‍प का चयन किया तो हर माह पेंशन बैंक खाते में आएगा. जबकि तिमाही चयन पर हर तीन माह के बाद एकमुश्‍त पेंशन मिलता है. इसी तरह छमाही या सालाना विकल्‍प चयन पर क्रमश: 6 या 12 माह के बाद एकमुश्‍त पेंशन मिलेगी. यहां आपको बता दें कि निवेश के एक साल बाद पेंशन की पहली किश्‍त मिलती है. वहीं, मासिक आधार पर पेंशन की न्‍यूनतम रकम एक हजार जबकि अधिकतम 10 हजार रुपये है.

स्‍कीम के ये हैं फायदे

इस पेंशन स्‍कीम में कई फायदे हैं. अगर बीच में निवेशक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है. इस स्कीम में एक व्यक्ति कम-से-कम 1.50 लाख रुपये और अधिकतम 15 लाख निवेश कर सकता है. वहीं, पॉलिसी खरीदते समय निवेशक की ओर से जमा की गई रकम 10 साल की अवधि पूरा होने के बाद वापस हो जाती है.

पॉलिसी की खरीद को सरकार की ओर से सर्विस टैक्स या जीएसटी से निवेशकों को छूट प्राप्त है. निवेश के तीन साल बाद लोन सुविधा उपलब्ध है. साथ ही कुछ खास परिस्थितियों में प्री-मैच्योर विद्ड्रॉल की मंजूरी मिलती है. अहम बात यह है कि इस योजना में मेडिकल एग्‍जामिनेशन की जरूरत नहीं है. फिलहाल, सरकार इस योजना के तहत जमा की गई रकम पर 8 से 8.30 प्रतिशत तक ब्याज देती है.