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सीमा विवाद के बीच मिजोरम में पेट्रोल-डीजल का संकट, वितरण की सीमा तय

दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही रुकने की वजह से जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है और इस वजह से खासकर मिजोरम को काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा है.

Updated on: 08 Aug 2021, 07:48 AM

highlights

  • राष्ट्रीय राजमार्ग-306 पर ईंधन ले जाने वाले टैंकरों सहित वाहनों की आवाजाही बंद
  • मिजोरम को करना पड़ रहा है ईंधन-दवाओं जैसी जरूरी चीजों का घनघोर संकट
  • असम के दो मंत्री अंतर राज्यीय सीमा विवाद का तनाव कम करने पहुंचे

आइजोल:

असम के साथ सीमा विवाद के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-306 पर ईंधन ले जाने वाले टैंकरों सहित वाहनों की आवाजाही बंद रहने के साथ मिजोरम सरकार ने डीजल और पेट्रोल के नियंत्रित वितरण का आदेश दिया है. हालांकि असम के दो मंत्री शनिवार को असम और मिजोरम के बीच वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए दोनों राज्यों की अंतर-राज्यीय सीमाओं पर पहुंचे. 13 दिनों तक चली आर्थिक नाकेबंदी और मिजोरम जाने वाले सैकड़ों माल लदे वाहनों के फंसे होने के बीच, यह कदम उठाया गया है. दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही रुकने की वजह से जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है और इस वजह से खासकर मिजोरम को काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा है.

आर्थिक नाकेबंदी से मिजोरम में जरूरी चीजों का संकट
असम के कछार में राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर नाकेबंदी, जिसे एक तरह से आर्थिक नाकेबंदी भी कहा जा सकता है, के कारण मिजोरम में आवश्यक वस्तुओं, परिवहन ईंधन और दवाओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है.  दोनों राज्यों की सीमा पर 26 जुलाई को खूनी संघर्ष और गोलीबारी के बाद से यह रूट बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हिंसा में असम के छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और नागरिकों सहित दोनों तरफ के 100 अन्य लोग घायल हो गए थे. अधिकारियों ने कहा कि असम के शहरी विकास मंत्री अशोक सिंघल और पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य के साथ कछार जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक मिजोरम के प्रवेश बिंदु लैलापुर में सभी हितधारकों के साथ बातचीत कर रहे हैं. कछार जिले के एक अधिकारी ने कहा, दोनों राज्यों विशेष रूप से मिजोरम जाने वाले माल लदे ट्रकों और अन्य वाहनों के बीच वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

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ईँधन की राशनिंग का दिया निर्णय
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया कि अंतरराज्यीय सीमा विवाद के कारण राज्य को ईंधन के भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है. ईंधन पड़ोसी राज्य असम के रास्ते मिजोरम पहुंचता है. आदेश में कहा गया, 'सभी फिलिंग स्टेशनों को निर्देश दिया जाता है कि वे किसी वाहन के लिए निर्धारित मात्रा से अधिक पेट्रोल और डीजल नहीं दें. केवल उन वाहनों के लिए ईंधन जारी किया जाएगा जो फिलिंग स्टेशनों पर जाते हैं.' छह, आठ और बारह पहिया वाहनों जैसे भारी मोटर वाहनों द्वारा एक बार में खरीदे जा सकने वाले ईंधन की मात्रा 50 लीटर और मध्यम मोटर वाहनों जैसे पिकअप ट्रकों के लिए 20 लीटर तक सीमित कर दी गयी है. आदेश में कहा गया कि स्कूटर के लिए अधिकतम तीन लीटर, अन्य दोपहिया वाहनों के लिए पांच लीटर और कारों के लिए 10 लीटर ईंधन की मंजूरी है. इसमें कहा गया कि चावल के बोरे, तेल और रसोई गैस ले जाने वाले ट्रकों को उतने ईंधन लेने की मंजूरी होगी, जो राज्य में आने और राज्य से निकलने के सफर के लिए पर्याप्त होगी. फिलिंग स्टेशनों से कंटेनर या गैलन बैरल में ईंधन लेने पर कड़ी रोक लगायी गयी है.