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LAC पर जवानों को अमेरिकी रायफल और स्विस पिस्टल, बढ़ी मारक क्षमता

भारतीय सेना के सैनिकों को अब चीन के साथ सीमा की रक्षा के लिए अमेरिकी सिग सॉयर 716 असॉल्ट राइफल और स्विस एमपी-9 पिस्टल बंदूकों से लैस किया गया है.

Updated on: 08 Aug 2021, 06:24 AM

highlights

  • भारतीय जवान एके-47 और इंसास रायफल का कर रहे थे इस्तेमाल
  • अब जवानों की दी गई अमेरिकी सिग-716 अत्याधुनिक रायफल
  • अधिक मारक क्षमता के साथ सटीक निशाना लगाने में मददगार

नई दिल्ली:

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच तनातनी को कम करने के लिए 12वीं कोर कमांडर की बातचीत के तुरंत बाद ही मोदी सरकार (Modi Government) ने एलएसी पर तैनात भारतीय जवानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. चीन की नापाक चालों और विश्वासघात से वाकिफ भारतीय नीति नियंताओं ने अब वहां तैनात जवानों को घातक हथियारों से लैस करने वाला कदम उठाया है. इसके तहत लद्दाख के न्योमा में अग्रिम ठिकानों पर तैनात भारतीय सेना (Indian Army) के सैनिकों को अब चीन के साथ सीमा की रक्षा के लिए अमेरिकी सिग सॉयर 716 असॉल्ट राइफल और स्विस एमपी-9 पिस्टल बंदूकों से लैस किया गया है.

2019 में हुई थी खरीद
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने फरवरी 2019 में अमेरिकी कंपनी सिग सॉयर से 72 हजार सिग-716 असॉल्ट रायफलें खरीदी थीं. भारत और अमेरिका के बीच फास्ट-ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) सौदे के तहत 647 करोड़ रुपये में खरीदे गए असॉल्ट रायफल्स की आपूर्ति दिसंबर 2019 में हुई थी. इसे सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के उधमपुर स्थित उत्तरी कमान को सौंपा गया था. भारतीय सेना की सभी पैदल टुकड़ियों को कम से कम 50 प्रतिशत सिग सॉयर रायफलें मिली थीं. इसके अलावा एंटी-टेरर ऑपरेशन्स में भी भारतीय सेना इन रायफल्स का इस्तेमाल कर रही है. इन रायफल्स का उपयोग अमेरिका के साथ ही दुनियाभर की करीब एक दर्जन देशों की पुलिस और सेनाएं करती हैं.

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अधिक मारक क्षमता और सटीक निशाना
दरअसल इससे पहले भारतीय सेना 7.62×39 मिमी. की एके-47 और 5.56×45 मिमी. की इंसास रायफल इस्तेमाल करती थी, जो 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय सेना शामिल की गई थीं. इसके मुकाबले अमेरिकी रायफल सिग-716 में काफी अत्याधुनिक है और इसे 600 मीटर की दूरी तक दुश्मनों को धराशायी करने के लिए तैयार किया गया है. दूसरे शब्दों में कहें, तो यह राइफल शूट-टू-किल के लिए बनाई गई है. इसमें अधिक ताकतवर 7.62×51 मिमी कारतूस का इस्तेमाल होता है. सिग-716 रायफल के लिए बने विजन सिस्टम में सैनिक को बताने के लिए एक संकेत होता है कि वास्तव में गोली कहां लगेगी. इससे सटीक निशाना लगाने में काफी आसानी होती है.

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चीन विवाद को देखते हुए की गई और रायफल की खरीदारी
भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन से सैन्य टकराव के बीच 72 हजार और असॉल्ट रायफल्स खरीदने के लिए अमेरिकी सिग सॉयर कंपनी से 780 करोड़ रुपये का सौदा किया. इनमें से करीब 36 हजार असॉल्ट रायफल्स मार्च 2021 में भारतीय सेना को मिल गईं हैं. इन रायफलों को हिमाचल प्रदेश से सटी एलएसी और जम्मू सहित पंजाब से सटी पाकिस्तानी सीमा पर तैनात सभी सैनिकों को सौंपा गया है. गौरतलब है कि पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में एलएसी के नजदीक भारत और चीन में गतिरोध जारी है.