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डब्ल्यूएचओ ने बी.1.617 के साथ भारतीय वेरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है : केंद्र

मंत्रालय ने बयान में कहा, ये मीडिया रिपोर्ट्स निराधार और बेबुनियाद हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पृष्ठ के दस्तावेज में कोरोनावायरस के बी.1.617 वैरिएंट के साथ भारतीय वैरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है.

Updated on: 12 May 2021, 05:56 PM

highlights

  • 'डब्ल्यूएचओ ने बी.1.617 वैरिएंट के साथ भारतीय वैरिएंट शब्द नहीं जोड़ा'
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बी.1.617 को एक वैश्विक चिंता वाले वैरिएंट के रूप में वगीर्कृत किया है
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया

 

नई दिल्ली:

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि विश्व स्वास्थ्य सगंठन (डब्ल्यूएचओ) ने बी.1.617 वैरिएंट के साथ भारतीय वैरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है, जिसे अब वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में वगीर्कृत किया गया है. मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि विभिन्न मीडिया में ऐसे समाचार आए हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बी.1.617 को एक वैश्विक चिंता वाले वैरिएंट के रूप में वगीर्कृत किया है. इनमें से कुछ रिपोर्ट में बी.1.617 वैरिएंट का उल्लेख कोरोनावायरस के भारतीय वैरिएंट के रूप में किया है.

मंत्रालय ने बयान में कहा, ये मीडिया रिपोर्ट्स निराधार और बेबुनियाद हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पृष्ठ के दस्तावेज में कोरोनावायरस के बी.1.617 वैरिएंट के साथ भारतीय वैरिएंट शब्द नहीं जोड़ा है. वास्तव में, इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट में भारतीय शब्द का ही उपयोग नहीं किया गया है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ये कहा था

दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि भारतीय कोरोनावायरस वैरिएंट (बी 1617) 44 देशों में फैल चुका है. इस वैरिएंट को 'वैश्विक चिंता का एक वैरिएंट' घोषित किया गया है. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने अपने साप्ताहिक अपडेट मे कहा कि अक्टूबर में भारत में पहली बार पहचाने जाने वाले बी 1617 वैरिएंट के 4500 सिक्वेंस को डब्ल्यूएचओ के सभी छह क्षेत्रों के 44 देशों से 11 मई तक जीआईएसएआईडी ऑपेन एसेस डाटाबेस में अपलोड किया जा चुका था.

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डब्ल्यूएचओ ने पांच अतिरिक्त देशों से भी इस वैरिएंट के खोज की रिपोर्ट प्राप्त की है

डब्ल्यूएचओ ने पांच अतिरिक्त देशों से भी इस वैरिएंट के खोज की रिपोर्ट प्राप्त की है. एविएन इन्फ्लुएंजा डेटा (जीआईएसएआईडी) क एक जर्मन गैर-लाभकारी संगठन है, जो 2016 में फ्लू जीनोम साझा करने के लिए एक डेटाबेस के रूप में शुरू किया गया था. डब्ल्यूएचओ के सार्स सीओवी-2 वायरस इवोल्यूशन वर्किं ग ग्रुप ने मंगलवार को निर्धारित किया कि बी1617 के लाइनेज के अंदर वायरस चिंता का एक प्रकार है.

बी1617 वैरिएंट को प्रसारण की उच्च दरों के शुरूआती साक्ष्यों के आधार पर एक चिंता का विषय के रूप में घोषित किया गया था, जिसमें कई देशों में प्रचलन में तेजी से वृद्धि देखी गई थी. संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने प्रारंभिक साक्ष्य का भी हवाला दिया, जो बताता है कि बी1617 वैरिंएट रोगियों में इलाज के असर को कम करता है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत में लगभग 0.1 फीसदी पॉजिटिव नमूनों को सार्स-सीओवी -2 वेरिएंट की पहचान करने के लिए सीक्वेंस और अपलोड किया गया है. एजेंसी ने कहा कि बी1617 का प्रसार, अन्य संप्रेषण योग्य वेरिएंट के साथ, कई मामलों में से एक है जिससे भारत में कोरोनो मामले और इससे हुई मौतों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना के नए 3,48,421 मामले सामने आए हैं और इस वजह से 4205 लोगों की मौत हुई है.