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निर्भया के गुनाहगारों की भी दया याचिका खारिज करने की गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से की सिफारिश

निर्भया के गुनाहगारों की भी दया याचिका खारिज, गृह मंत्रालय ने भेजी राष्ट्रपति को सिफारिश

Updated on: 06 Dec 2019, 03:08 PM

New Delhi:

शुक्रवार का दिन महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले गुनाहगारों के लिए 'सजा' लेकर आया. हैदराबाद में जहां जानवरों की डॉक्टर संग हैवानिय़त करने वालों आरोपियों को हिरासत से भागने की फिराक में पुलिस पार्टी पर हमला करने के दौरान मुठभेड़ में मार गिराया गया. वहीं शुक्रवार दोपहर को गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली में हुए निर्भया कांड के आरोपियों की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर दी. इस तरह निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की प्रक्रिया एक कदम और आगे बढ़ गई है.

निर्भया की मां ने आज ही की थी भावुक अपील
बताते हैं कि विनय शर्मा की दया याचिका को दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने खारिज करते हुए गृहमंत्रालय को भेज दी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी के साथ इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया. गृह मंत्रालय ने भी दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश राष्ट्रपति रामनात कोविंद से की है. गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद की बेटी के गुनाहगारों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद निर्भया की मां ने भी अपनी बेटी के गुनाहगारों को जल्द उनके किए की सजा देने की बेहद भावुक अपील की थी. 16 दिसंबर को निर्भया के साथ क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए गैंग रेप किया गया था. उसके साथ इस हद तक दरिंदगी बरती गई थी कि वह अंततः जिंदगी की जंग हार गई.

निर्भया के गुनाहगार फांसी के फंदे के नजदीक
गौरतलब है कि निर्भया के चार गुनाहगारों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. इसके पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट ने निर्भया के गुनाहगारों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. यह अलग बात है कि निर्भया के गुनाहगारों में से एक विनय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी. शेष तीनों आरोपियों ने ना तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की और न ही मर्सी पिटीशन फाइल की थी.

अभी तय नहीं है फांसी की तारीख
हालांकि इस मामले में निर्भया के गुनाहगार कानूनी पेंच-ओ-खम का फायदा उठा फांसी के फंदे से अब तक बचे हुए हैं. ऐसे में निर्भया के अभिभावकों के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन और बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में अपनी प्रतिक्रिया अदालत को भेजी. अब इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि अभी तक राज्य सरकार ने फांसी की तारीख भी मुकर्रर नहीं की है. फांसी की तारीख तय होने के बाद ही अदालत डेथ वारंट जारी करेगी.