#MeToo अकबर ने महिला पत्रकार के खिलाफ दायर किया केस, रमानी बोलीं- मानहानि का मुकदमा सच दबाने की कोशिश
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद रमानी ने कहा कि अकबर धमकी और उत्पीड़न के जरिए आवाज बंद करने की कोशिश कर रहे हैं. रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. अकबर पर 'मीटू' अभियान के जरिए यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कई महिलाओं में प्रिया रमानी भी शामिल हैं. इन महिलाओं का आरोप है कि द एशियन एज और अन्य प्रकाशनों के संपादक की हैसियत से अकबर ने उनका यौन-उत्पीड़न किया.
रमानी ने अपने एक बयान में कहा, 'मैं काफी निराश हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया. मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करके अकबर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.' रमानी ने अपना बयान को सोशल मीडिया पर साझा किया है.
उन्होंने कहा, 'अनेक महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का सामना करने के बजाय वह (अकबर) धमकी और उत्पीड़न के माध्यम से मुंह बंद कराना चाहते हैं.'
रमानी ने जोर देकर कहा कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करेंगी. उन्होंने कहा, 'क्योंकि सच और पूर्ण सच ही मेरा बचाव है.'
उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने अकबर के खिलाफ खुलकर खड़े होने का साहस दिखाया है, उन्होंने अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को गंभीर खतरे में डालकर ऐसा किया है.
उन्होंने कहा, 'इस समय, यह पूछना ठीक नहीं है कि वे (पीड़ित) अब क्यों बोल रही हैं, क्योंकि हम सभी लांछन और शर्म से परिचित हैं कि यौन अपराध की सजा पीड़ित को कैसे भोगनी पड़ती है. इन महिलाओं की मंशा और इरादे को लेकर उन्हें कलंकित करने के बजाए हमें पुरुष और महिलाओं की भावी पीढ़ी के लिए कार्यस्थल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.'
रमानी ने कहा, 'इसलिए मैं श्रीमान अकबर के अत्यंत हाल में दिए गए बयान का सख्त विरोध करती हूं, जिसमें पीड़ितों के सदमे और डर या सच बोलने के लिए जरूरी साहस पर ध्यान नहीं दिया गया.'
अकबर ने महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया
वहीं केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है. अकबर ने सभी आरोपों को झूठा और निराधारा बताया है. बता दें कि अकबर पर उनके साथ काम करने वाली कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया जब वह संपादक हुआ करते थे.
अकबर ने पटियाला हाउस अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. अकबर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत रमानी पर मुकदमा चलाने की मांग की है.
अकबर ने आरोप लगाया है कि रमानी ने पूर्णतया झूठे व ओछे बयान द्वारा जानबूझकर, सोच समझकर, स्वेच्छा से और दुर्भावनापूर्वक उन्हें बदनाम किया है, जिसने राजनीतिक गलियारे, मीडिया, दोस्तों, परिवार, सहकर्मियों और समाज में व्यापक रूप से उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है.
और पढ़ें- #MeToo एमजे अकबर पहुंचे कोर्ट, कहा- यौन उत्पीड़न के आरोप से राजनीतिक प्रतिष्ठा को पहुंची ठेंस
अधिवक्ता संदीप कपूर द्वारा दाखिल अर्जी में कहा गया है, 'आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता (अकबर) के खिलाफ लगाए गए अपमानपूर्ण आरोप प्रथमदृष्टया अपमान सूचक हैं और इन्होंने न केवल शिकायतकर्ता की उनके समाज व राजीतिक गलियारे में बरसों की मेहनत व मशक्कत के बाद अर्जित की गई उनकी साख और इज्जत को नुकसान पहुंचाया है बल्कि समुदाय, दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों में उनके निजी सम्मान को भी प्रभावित किया है. इससे उन्हें अपूरणीय क्षति और अत्यधिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है.'
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