logo-image

विदेश मंत्री सुषमा ने अमरिंदर सिंह को दिया भरोसा, मोसुल में बंदी 39 भारतीयों के जल्द वापस आने की उम्मीद

मोसुल में 2014 से बंदी बनाकर रखे गए भारतीयों को जल्द भारत लाने का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आश्वासन दिया है। उ

Updated on: 10 Jul 2017, 08:42 PM

नई दिल्ली:

मोसुल में 2014 से बंदी बनाकर रखे गए भारतीयों को जल्द भारत लाने का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आश्वासन दिया है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को आश्वस्त किया है कि सरकार उन 39 भारतीयों को स्वदेश लाने की कोशिश में लगी है।

मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आईएस) से इराकी सेना ने आजाद करा लिया है। जिसके बाद बंदी बनाए गए 39 भारतीयों के परवार वालों ने पंजाब सरकार से अनुरोध किया है। जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में विदेश मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने इस बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'भारतीयों को स्वदेश वापस लाने को लेकर अपने मंत्रालय द्वारा हर संभव प्रयास करने का आश्वासन जताते हुए सुषमा स्वराज ने कहा है कि वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए इराक की सरकार के साथ समन्वय बनाने को लेकर विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह को वहां भेजा गया है। सुषमा ने कहा कि उन्होंने भारतीय उच्चायोग को फंसे भारतीयों को हर तरह की मदद पहुंचाने के लिए कहा है।'

और पढ़ें: बिहार के डिप्टी CM बने रहेंगे तेजस्वी यादव, RJD विधायकों का फुल सपोर्ट

प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री ने जानकारी दी है कि उनकी वापसी में मदद करने के लिए हवाईअड्डों पर एयर इंडिया के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने लापता भारतीयों की तलाश के लिए मौजूदा सभी स्रोतों को सक्रिय कर दिया है, जिनके बारे में अंतिम जानकारी मिली थी कि वे किसी गिरिजाघर में छिपे हैं।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि 39 भारतीय जल्द ही भारत लौटेंगे, क्योंकि मोसुल पर से अब आईएस का नियंत्रण खत्म हो गया है।

और पढ़ें: UP एटीएस करेगी मुजफ्फरनगर कनेक्शन वाले 'आतंकी' संदीप से पूछताछ

हालांकि जून 2014 में आईएस के चंगुल से बच कर भाग आए पंजाब के एक व्यक्ति हरजीत मसीह ने दावा किया था कि बंदी बनाए गए 39 भारतीयों को मार डाला गया है।

विदेश मंत्रालय हालांकि बार-बार यह बात दोहराता रहा है कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है, जिससे उनके मारे जाने की पुष्टि हो।

भारतीय नागरिकों को 11 जून, 2014 को उत्तरी इराक के मोसुल में आईएस ने बंदी बना लिया था।

और पढ़ें: राहुल ने माना वो मिले थे चीनी राजदूत से, सरकार पर उठाए सवाल

आईएनएस इनपुट के साथ