logo-image

पूर्व सीएम मायावती का ट्वीट- ओबीसी बिल का BSP समर्थन करती है

पूर्व सीएम मायावती का ट्वीट- ओबीसी बिल का BSP समर्थन करती है

Updated on: 09 Aug 2021, 03:03 PM

नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ओबीसी बिल टवीट किया है. बसपा सुप्रीमो ने कहा​ कि ओबीसी वर्ग बहुजन समाज का अभिन्न अंग है, जिसके हित व कल्याण के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में धारा 340 की व्यवस्था की व उसपर सही से अमल नहीं होने पर देश के प्रथम कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। बीएसपी भी वैसे ही इन वर्गों के लिए जी-जान से समर्पित। पूर्व सीएम ने कहा कि इसी सोच के तहत राज्य सरकारों द्वारा ओबीसी की पहचान करने व इनकी सूची बनाने सम्बन्धी संसद में आज पेश  संविधान संशोधन बिल का बीएसपी समर्थन करती है, किन्तु केन्द्र केवल खानापूर्ति न करे बल्कि सरकारी नौकरियों में ओबीसी के वर्षों से खाली पदों को भरने का ठोस काम भी करे.

यह भी पढ़ेंः खराब प्रदर्शन करने वाले BJP विधायकों का कट सकता है टिकट, जेपी नड्डा ने दिए संकेत

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश में ओ.बी.सी. समाज की अलग से जनगणना कराने की माँग बी.एस.पी. शुरू से ही लगातार करती रही है तथा अभी भी बी.एस.पी. की यही माँग है और इस मामले में केन्द्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बी.एस.पी. इसका संसद के अन्दर व बाहर भी जरूर समर्थन करेगी. उन्होंने टोक्यों में देश का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा को बधाई भी दी. टवीट में लिखा कि एथलीट नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीतने की हार्दिक बधाई. उन्होंने 87.58 मीटर भाला फेंक कर करीब 100 वर्ष बाद ओलम्पिक की एथलेटिक्स स्पर्धा में गोल्ड जीत कर जो इतिहास बनाया वह हमेशा यादगार रहेगा। पूरा देश आज निश्चय ही खुशी व गौरव महसूस कर रहा है.

यह भी पढ़ेंः गुजरात में बड़ा हादसा, बेकाबू ट्रक ने झोपड़पट्टी में सो रहे 10 लोगों को कुचला

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी के गाँव-देहातों में रोजी-रोटी के घोर अभाव से त्रस्त गरीब व बेरोजगार लोग अति-मजबूरी में लगातार पलायन कर रहे हैं, जिन्हें बाहर असहनीय जीवन जीना पड़ता है. जौनपुर के ऐसे ही एक दलित युवक की हरियाणा में पीट कर हत्या कर दी गई, अति-दुःखद. सरकारी नीतियाँ कब प्रभावी होंगी? यूपी सरकार विभिन्न योजनाओं की घोषणाओं के बड़े-बड़े दावों से सम्बन्धित विज्ञापन व प्रचार आदि में सरकारी धन पानी की तरह बहाती है, किन्तु जमीनी हकीकत में इसका लाभ अगर यहाँ के खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिल रहा होता तो वे क्यों पलायन करने को मजबूर होते?