मायावती का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- बाबा साहेब के नाम पर योजना चलाने से नहीं होगा दलितों का विकास
मायावती ने कहा कि बीजेपी दलितों के उत्थान के लिए कुछ नहीं कर रही, हालांकि काम करने का जो दिखावटी नाटकबाजी कर रही है उसे बंद करे।
नई दिल्ली:
संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के 127वें जन्मदिन के मौक़े पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने जहां एक तरफ उन्हें याद किया वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी सरकार पर दलित समुदाय के तुष्टीकरण का भी आरोप लगाया।
मायावती ने कहा कि बीजेपी दलितों के उत्थान के लिए कुछ नहीं कर रही, हालांकि काम करने का जो दिखावटी नाटकबाजी कर रही है उसे बंद करे। बीजेपी को दोहरे मापदंड से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार पूर्ण रुप से जातिवादी है और दलितों को बिल्कुल भी महत्व नहीं देती।
बीएसपी प्रमुख ने आगे कहा, 'मैं मोदी जी और उनकी सरकार से कहना चाहती हूं कि बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके नाम से नई योजनाओं की शुरुआत भर करने से दलितों का विकास नहीं होगा।'
I want to tell Modi Ji and his govt that commemorating places related to Baba Saheb's life and inaugurating schemes in his name, will in no way lead to development of Dalits: BSP's Mayawati #AmbedkarJayanti pic.twitter.com/xfp4Mt8qPl
— ANI UP (@ANINewsUP) April 14, 2018
अंबेडकर जयंती के मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, 'मोदी और योगी दोनों ने ही उत्पीड़ित, अधिकारहीन और दलितों के लिए कुछ नहीं किया। वे समाज के इन वर्गो के उत्थान के कारणों पर केवल अपने होठ चला रहे हैं।'
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि योजनाएं लागू करना और बीआर आंबेडकर के नाम पर स्मारकों व इमारतों का नामकरण करना और दलित अत्याचार पर चुप रहने का दोहरा रवैया न तो बर्दाश्त किया जाएगा और न ही स्वीकार किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'बीजेपी सरकार के तहत दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं।'
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार पर एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कई बेगुनाह लोगों पर दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान देश में हुई हिंसा के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत और दंगों के लिए झूठे मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा, 'अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत साफ है तो उन्हें अदालत के फैसले का इंतजार करने के बजाए एससी-एसटी अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाकर अध्यादेश जारी करना चाहिए।'
उन्होंने शीर्ष अदालत में एससी-एसटी अधिनियम मामले को शक्तिशाली तरीके से नहीं रखने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह इस बात को दर्शाता है कि वे दलितों के कल्याण के प्रति ईमानदार नहीं हैं।
62 वर्षीय नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए अंबेडकर का नाम लेना उचित नहीं है, क्योंकि प्रत्येक दिन वे जिस संविधान के सिद्धांतों को रौंद रहे हैं, वह महान दलित नेता के दिमाग की उपज है।
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