logo-image

ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन की जीमन के कागजात सौंपे, कहा-उन्हें परेशान किया जा रहा 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भूमि विवाद में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के साथ खड़ी रहीं. ममता बनर्जी सोमवार को शांतिनिकेतन में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के घर ‘प्रातीची’ गईं.

Updated on: 30 Jan 2023, 11:58 PM

बीरभूम:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भूमि विवाद में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के साथ खड़ी रहीं. ममता बनर्जी सोमवार को शांतिनिकेतन में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के घर ‘प्रातीची’ गईं. मुख्यमंत्री ने वहां अमर्त्य से बात कीं और अमर्त्य सेन के आवास के जमीन के कागजात सौंपे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ममता बनर्जी ने चेतावनी दी, “ भाजपा को अमर्त्य सेन का अपमान करने की कोशिश न करें.” भाजपा और विश्व भारती को संदेश देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “सब कुछ अदालत से नहीं होगा. जनता की अदालतें भी हैं. इसे याद रखना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि केंद्रीय शिक्षा विभाग इस मामले को देखेगा. ”

उन्होंने कहा कि चूंकि अमर्त्य सेन भाजपा के खिलाफ बातें बोली थीं. इस कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है. सात हत्या करने पर भी बीजेपी रहने पर सभी माफ रहता है, लेकिन अमर्त्य सेन को लेकर सवाल किये जा रहे हैं.उन्होंने कहा कि बीजेपी नोबेल पुरस्कार विजेता को सम्मानित करने की जगह लगातार सम्मानित करती है. केवल 13 डिसिबल जमीन के लिए लड़ाई की जा रही है. दस्तावेज दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “विश्व भारती झूठे दावे कर रही है. योजना के अनुसार अमर्त्य सेन का अपमान किया जा रहा है. ” उन्होंने कहा कि जिस तरह से नोबेल पुरस्कार विजेता को अपमानित किया जा रहा है. उससे वह बहुत ही आहत हैं. इस कारण वह आज उनके घर आई हैं और वह उनके साथ खड़ी हैं.

ये भी पढ़े: Gorakhnath Temple attack: NIA कोर्ट ने दोषी अहमद मुर्तजा को सुनाई फांसी की सजा 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अमर्त्य सेन के घर से बाहर निकलीं और पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विश्व भारती झूठ बोल रही है. ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैंने संबंधित विभाग से यह पेपर लिया है. यह इस बात का प्रमाण है कि अमर्त्य जो कह रहे हैं वह सही है. इसके बाद उन्होंने बिना नाम लिए विश्व भारती के कुलपति पर हमला बोल दिया. उन्होंने कहा, “विश्वभारती में छात्रों को निलंबित करना बंद करें. हम विश्वभारती को रवींद्रनाथ की आंखों से देखते हैं. भगवाकरण की आंखों से नहीं.” इसके बाद उन्होंने कहा, ”अमर्त्य दा और उनके परिवार को अम्मानित नहीं किया जाना चाहिए.”