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ममता बनर्जी ने लगाया सरकार पर आरोप कहा, पीएम मोदी को पुलवामा हमले की थी पहले से जानकारी

आतंकवादी संगठन द्वारा जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर किए गए हमले में शहीद हुए अर्धसैनिक बल के 40 जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए बनर्जी ने सवाल उठाया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग 2,500 जवानों को हवाई मार्ग से नहीं भेजा गया और इसके बजाय उनके मार्ग की उचित जांच और नाका जांच किए बिना काफिले में यात्रा करने की अनुमति दी गई.

Updated on: 26 Feb 2019, 07:06 AM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अगामी लोकसभा चुनावों से पहले सीआरपीएफ के शहीद जवानों के खून से राजनीति करने का आरोप लगाया और दावा किया कि 'केंद्र को 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले की जानकारी पहले से थी.' आतंकवादी संगठन द्वारा जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर किए गए हमले में शहीद हुए अर्धसैनिक बल के 40 जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए बनर्जी ने सवाल उठाया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग 2,500 जवानों को हवाई मार्ग से नहीं भेजा गया और इसके बजाय उनके मार्ग की उचित जांच और नाका जांच किए बिना काफिले में यात्रा करने की अनुमति दी गई.

उन्होंने कहा, "मोदी-बाबू, हमले (पुलवामा हमला) के समय आप कहां थे?" पार्टी की विस्तारित कोर कमेटी बैठक में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा, "आपको पहले से पता था कि यह घटना होगी. आपके पास पहले से जानकारी थी."

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उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के पास इस संबंध में खुफिया जानकारी थी. फिर जवानों को उस दिन हवाई मार्ग से क्यों नहीं जाने दिया गया? काफिले के मार्ग की नाका जांच क्यों नहीं की गई?" उन्होंने कहा, "जवानों को मरने के लिए क्यों छोड़ दिया? यह इसलिए क्योंकि आप चुनावों से पहले मामले का राजनीतिकरण करना चाहते थे. हमारे जवानों के खून का इस तरह राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए."

बनर्जी ने कहा कि वे (मोदी) शांति के संदेशवाहक होने का नाटक करते हैं वहीं उनकी पार्टी गुप्त रूप से देश में युद्ध समान परिस्थितियां पैदा करना चाहती है और दंगा शुरू कर देती हैं. उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनावों में अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए पश्चिम बंगाल सहित देश भर में ईवीएम मशीनों के साथ छेड़खानी करने की कोशिश कर सकती है.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बंगाल में 23 सीटें जीतने की योजनाओं पर बनर्जी ने कहा कि भगवा संगठन सिर्फ ईवीएम से छेड़खानी कर अपना लक्ष्य पा सकता है अन्यथा नहीं. मुख्यमंत्री ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तीन सदस्यीय समिति बनाई है जो बूथ-स्तरीय कार्यकर्ताओं को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की कार्यप्रणाली समझाने के लिए प्रशिक्षण देगी.

उन्होंने कहा, 'भाजपा ईवीएम से छेड़खानी करने की कोशिश करेगी. मैंने सुना है कि उन्होंने बंगाल में ईवीएम से छेड़खानी करने के लिए किसी निजी कंपनी से संपर्क किया है." उन्होंने कहा, "हमें अपने कार्यकर्ताओं को समझाने की जरूरत है कि ईवीएम और वीवीपैट कैसे काम करती हैं. इस संबंध में मैं एक औपचारिक समिति बना रही हूं. इस समिति में पार्टी नेता दिनेश त्रिवेदी, सौगत रॉय और पार्थ चटर्जी हैं जो जिला स्तरीय नेताओं को ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली समझाएंगे."

बनर्जी ने कहा कि पार्टी को राज्य की 42 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए कठिन मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, "हम बंगाल की 42 सीटें जीतेंगे. यह सिर्फ एक बयान नहीं है. हमने इसे सच्चाई बनाया है. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) क्या कर रहे हैं. वाम ने हमेशा ही केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी से गठबंधन किया है." बनर्जी ने मोदी सरकार पर केंद्रीय समितियों का दुरोपयोग करने और केंद्रीय परियोजनाओं के लिए आवंटित धन को पार्टी के प्रचार के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से ग्रामीण गरीबों को नोट के बदले वोट की प्रथा को बंद करने के लिए और ज्यादा सक्रिय होने का आग्रह किया.