एनसीपी और शिवसेना में तकरार के बीच शरद पवार-अमित शाह 'मुलाकात' पर अटकलें तेज

महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार महा विकास अघाडी (एमवीए) में शामिल घटक दल राकांपा और शिवसेना के बीच राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुद्दे को लेकर तकरार बनी हुई है.

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Dalchand Kumar
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Amit Shah and Sharad Pawar

NCP-शिवसेना में तकरार के बीच पवार-शाह 'मुलाकात' पर अटकलें हुईं तेज( Photo Credit : फाइल फोटो)

महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार महा विकास अघाडी (एमवीए) में शामिल घटक दल राकांपा और शिवसेना के बीच राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुद्दे को लेकर तकरार बनी हुई है. ऐसे में कांग्रेस मूकदर्शक बनी हुई है. इसी बीच, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और केंद्रीय गृह म्ंत्री अमित शाह के बीच हुई 'मुलाकात' की मंशा को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है. हालांकि अमित शाह ने संकेत दिया कि पवार के साथ बैठक अहमदाबाद में हुई, लेकिन उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया. इस घटना ने कांग्रेस और शिवसेना को ऐसे महत्वपूर्ण मौके पर परेशान किया है, जब भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर प्रहार शुरू किया है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इन गतिविधियों पर करीब से नजर रख रही है. लेकिन, जब तक कोई राजनीतिक प्रगति नहीं होती है, तब तक वह सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करेगी.

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गौरतलब है कि शिवसेना ने बीते दिन अपने मुखपत्र सामना में अनिल देशमुख और अपनी ही सरकार और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुखपत्र 'सामना' के जरिए निशाना साधा. शिवसेना ने कहा कि बीते कुछ महीनों में जो कुछ हुआ, उसके कारण महाराष्ट्र के चरित्र पर सवाल खड़े किए गए, लेकिन सरकार के पास ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोई योजना नहीं है, ये एक बार फिर नजर आया. पार्टी ने यह भी कहा कि जो राष्ट्र अपना चरित्र संभालने के प्रति सतर्क नहीं रहता है वो राष्ट्र करीब-करीब खत्म होने जैसा ही है, ऐसा स्पष्ट समझ लेना चाहिए. शिवसेना ने सवालिया लहजे में कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बैठकर वाझे वसूली कर रहा था और गृहमंत्री को इस बारे में जानकारी नहीं होगी?

इसके साथ ही शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने सेना के मुखपत्र 'सामना' में देशमुख को 'आकस्मिक गृहमंत्री' कहा था. शिवसेना ने कहा कि अनिल देशमुख को गृहमंत्री का पद दुर्घटनावश मिला है. पार्टी ने कहा कि जयंत पाटील, दिलीप वलसे-पाटील ने गृहमंत्री का पद स्वीकार करने से मना कर दिया था, तब यह पद शरद पवार ने देशमुख को सौंपा. सामना में यह भी दावा किया गया कि राकांपा की जो पहली पसंद थे, उनको इनकार कर दिए जाने के बाद देशमुख को पवार द्वारा इस पद के लिए चुना गया था. इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कड़ी आपत्ति जताई.

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राकांपा के राज्यमंत्री और पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने इस दावे का खंडन किया कि देशमुख को 'गलती से' चुना गया, जबकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राकांपा कोटे से मंत्रियों का चयन करना शरद पवार का विवेकाधिकार था. राकांपा प्रमुख ने मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परम बीर सिंह द्वारा एक 'विस्फोटक पत्र' में उन पर लगाए गए गंभीर आरोपों के मद्देनजर देशमुख को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि आरोप 'अस्पष्ट' हैं.

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