महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा, CBI जांच के आदेश के बाद छोड़ा पद
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफाएनसीपी ने इस मामले पर एक हाई लेवल की बैठक की. मीटिंग में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, अजित पवार और सुप्रिया सुले के अलावा अनिल देशमुख भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.
highlights
- अनिल देशमुख ने पार्टी मीटिंग के बाद दिया इस्तीफा
- मीटिंग में शरद पवार और अजीत पवार भी मौजूद थे
- HC ने CBI को सौंपी पूरे मामले की जांच
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद से महाराष्ट्र की सियासत में हलचल है. मामले में जयश्री पटेल की याचिका पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसले सुनाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है. हालांकि सीबीआई तुरंत इस मामले में केस दर्ज नहीं करेगी. वहीं इसी बीच एनसीपी (NCP) ने इस मामले पर एक हाई लेवल की बैठक की. मीटिंग में एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar), अजित पवार (Ajit Pawar) और सुप्रिया सुले (Supriya Sule) के अलावा अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) भी मौजूद थे. इस बैठक के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है.
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कोर्ट में क्या हुआ ?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) की याचिका पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट ने अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगे वसूली के आरोप की सीबीआई जांच करने की संस्तुति प्रदान कर दी है. कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर जांच की प्राथमिक रिपोर्ट को अदालत में सौंपने का निर्देश दिया है. बता दें कि परमबीर सिंह ने अपने तबादले को रद्द करने समेत गृह मंत्री पर लगे 100 करोड़ की वसूली के आरोपों की सीबीआई (CBI) जांच कराने की याचिका दायर की थी.
जांच में सहयोग का आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर हुई है, पुलिस से जांच से अपील की गई थी. कोर्ट ने कहा कि अनिल देशमुख पर ये आरोप लगाए गए हैं, वह ही राज्य के गृह मंत्री हैं. ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. इसलिए सीबीआई को इस मामले की जांच करनी चाहिए. हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सीबीआई को शुरुआती जांच करनी चाहिए, जिसमें सभी को सहयोग करना होगा. 15 दिनों के अंदर सीबीआई के डायरेक्टर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. अगर सीबीआई की रिपोर्ट में गृह मंत्री अनिल देशमुख पर केस पुख्ता बनता है, तो सीबीआई एफआईआर दर्ज करेगी.
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ये है पूरा मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें दावा किया था कि अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाझे को मुंबई से सौ करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया गया था. परमबीर सिंह ने इनके अलावा भी अनिल देशमुख पर कई आरोप लगाए थे. परमबीर सिंह ने इस मामले में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सर्वोच्च अदालत ने परमबीर सिंह को पहले हाईकोर्ट जाने के लिए कह दिया था. इसी के बाद परमबीर सिंह और अन्य लोगों ने अनिल देशमुख के खिलाफ एक्शन लेने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.
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