केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को भारत के सबसे बड़े विमानन केंद्रों में से एक मुंबई के साथ-साथ पुणे और रायगढ़ में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट को 25 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने के महाराष्ट्र सरकार के कदम की सराहना की।
उन्होंने कहा कि ईंधन की ऊंची कीमतों के मद्देनजर यह कदम हवाई संपर्क को बढ़ाने के प्रयासों में एक उत्प्रेरक साबित होगा।
भारतीय वाहकों ने समय-समय पर मुख्य रूप से एटीएफ की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण परिचालन लागत बढ़ने का मुद्दा उठाया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा, मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस जी को एयर टर्बाइन ईंधन पर वैट को 25 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने जैसा प्रगतिशील निर्णय लेने के लिए धन्यवाद देता हूं। ईंधन की ऊंची कीमतों के परिदृश्य में यह कदम हवाई संपर्क बढ़ाने के हमारे प्रयास में एक उत्प्रेरक साबित होगा।
उन्होंने आगे कहा, इसके साथ, महाराष्ट्र कुल 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की लीग में शामिल हो गया है। इसने पिछले 1.5 वर्षो में वैट दरों को तर्कसंगत बनाया है। मुंबई, पुणे और रायगढ़ के लिए बढ़ी हुई कनेक्टिविटी के साथ यह यात्रा को और अधिक किफायती बना देगा और विकास को बढ़ावा देगा।
एटीएफ पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती का मुद्दा एटीएफ पर ज्यादा वैट लगाने वाले राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ उठाया गया था और उनमें से कई ने पिछले कई महीनों में विमानन ईंधन पर टैक्स कम कर दिया था।
हाल ही में, आईसीआरए ने कहा कि यात्री यातायात में अच्छी सुधार के बावजूद घरेलू विमानन उद्योग को एटीएफ की कीमतों में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्यह्रास के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसका एयरलाइंस की लागत संरचना पर बड़ा असर पड़ा है। एयरलाइंस के खर्च में ईंधन की लागत का 30-40 प्रतिशत हिस्सा होता है, जबकि एयरलाइंस के परिचालन खर्च का 35-50 प्रतिशत - जिसमें विमान लीज भुगतान, ईंधन खर्च और विमान व इंजन रखरखाव खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है, जिसे डॉलर के संदर्भ में दर्शाया गया है।
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Source : IANS