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Madrasa Survey in UP : आंकड़ों में जानिए उत्तर प्रदेश के मदरसों का हाल ?

उत्तर प्रदेश में जबसे मदरसों का सर्वे शुरू हुआ है, करोड़ों लोगों की निगाह लगी हुई है कि आखिर सर्वे में क्या सामने आता है. हालांकि सर्वे रिपोर्ट आने से पहले ही मदरसों का बारे में काफी बड़ा आंकड़ा उपलब्ध है.

Updated on: 16 Sep 2022, 11:06 PM

highlights

  •  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हो रहा मदरसों का सर्वे
  •  यूपी में फर्जी मदरसों के मामले में लगे हैं कई आरोप
  •  रजिस्टर्ड मदरसों को सरकार की तरफ से मिलती है मदद

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे आज से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। लेकिन इस बीच चर्चा ये भी है कि आखिर पूरी उत्तर प्रदेश में कितने मदरसे हैं, जो सरकार मदद से चल रहे हैं. आपको बता दें कि यूपी में कुल 40 से 50 हज़ार प्राइवेट मदरसे हैं. वहीं यूपी में सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसे की कुल संख्या है 16,500 है। इन 16,500 मदरसे में से 558 मदरसे पूरी तरह से सरकारी हैं. वहीं दूसरी तरफ यूपी में सरकारी मदद से चलने वाले मदरसे में शिक्षकों की कुल संख्या 21126 हैं। साल 2021-22 में यूपी सरकार ने मदरसा मोडर्नाइज़ेशन के लिए बजट में 479 करोड़ का प्रावधान किया था. 2021 में 1.62 लाख बच्चे मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड थे,जिनमें लगभग 1 लाख 25 हज़ार बच्चों ने एग्जाम दिया था. 

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आपको बता दें कि यूपी में फ़र्ज़ी मदरसों की शिकायत काफी पुरानी है. अखिलेश सरकार के दौरान 2013 में 118 फ़र्ज़ी मदरसे मिले थे। 2013 में अखिलेश सरकार के दौरान सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ी मदरसे मेरठ में मिले थे. अब अमरोहा, गोंडा और कुशीनगर में भी फ़र्ज़ी मदरसों की बात सामने आयी है। इसी साल अप्रैल 2022 में यूपी सरकार ने 7442 मदरसों की जांच के आदेश दिए थे. 

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इन मदरसों पर आरोप है की ये मदरसे सिर्फ कागज़ों पर मौजूद थे। ये सभी मदरसे सरकारी साहयता भी ले रहे थे। केंद्र सरकार इन मदरसों के लिए ख़ास योजना चलाती है. इन मदरसों में बच्चों को आधुनिक शिक्षा पर ज़ोर दिया जाता है. हर मदरसे में तीन एक्स्ट्रा टीचर रखे जाते हैं. इस में ग्रेजुएट टीचर को हर महीने 6 हज़ार और पीजी टीचर को 12  हज़ार रूपये तनख्वाह दिए जाते हैं. यूपी सरकार भी इन मदरसों के टीचर को अतिरिक्त मानदेय दी जाती है.