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NN खुलासा 2 : नेपाल से मदरसे के मुखौटे में चल रही आतंक की नर्सरी

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने तारीफ की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह से नेपाल बॉर्डर पर पिछले 25 साल से चल रहा है. साथ ही पाकिस्तान में छपने वाले नोट भारत में नेपाल के रास्ते आते है.

Updated on: 20 Oct 2020, 02:25 PM

नई दिल्ली:

नेपाल से मदरसे के मुखौटे में आतंक की नर्सरी चला कर रहे पाकिस्तान और चीन के इसी नेक्सस का पर्दाफाश न्यूज़ नेशन की टीम ने किया. दावत-ए-इस्लामिया नेपाल बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मस्जिदें और गेस्ट हाउस बनवा रही है. जिसकी फंडिंग पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामिया से हो रही है. दावत-ए-इस्लामिया का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से भी कनेक्शन है. भारत-नेपाल के बॉर्डर एरिया में बन रहे इन मदरसों के पीछे ISI का दिमाग है, जबकि पैसा चीन लगा रहा है. मकसद एकमात्र है भारत को बर्बाद करना. टेरर नेटवर्क को बढ़ावा देना है.

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दरअसल, नेपाल बॉर्डर भारत के खिलाफ आतंक का नया लॉन्च पैड बना है.! आतंक के इन खुफिया अड्डों का पर्दाफाश करने न्यूज़ नेशन के संवददाता यूपी के महराजगंज से सटे नेपाल के हथियागढ़ गांव भी पहुंचे. जहां धान की खेत के बीचोंबीच बना है यह आलीशान मदरसा. जो पहले से ही भारतीय खुफिया एजेंसियों की रडार पर भी है. नेपाल के सीमावर्ती जिलों रौतहट, पर्सा, कपिलवस्तु, सुनसरी और बारा में ऐसे मदरसे हर दूसरे दिन खड़े हो रहे हैं. विदेशी फंडिंग से खड़े हो रहे ये मदरसे भारत विरोधी गतिविधियों के सेंटर बने हुए हैं.

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बता दें कि न्यूज नेशन के इस खुलासे की उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने तारीफ की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह से नेपाल बॉर्डर पर पिछले 25 साल से चल रहा है. साथ ही पाकिस्तान में छपने वाले नोट भारत में नेपाल के रास्ते आते है. पाकिस्तान की हिमालयन बैंक पूरी तरह शामिल है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे कार्यकाल में आए थे. हमने उनका इलाज कायदे से किया था.