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NN खुलासा 3 : बॉर्डर इलाके में मुस्लिम आबादी कम फिर भी मदरसे बहुत ज्यादा

नेपाल से मदरसे के मुखौटे में आतंक की नर्सरी चला कर रहे पाकिस्तान और चीन के इसी नेक्सस का पर्दाफाश न्यूज़ नेशन की टीम ने किया. दावत-ए-इस्लामिया नेपाल बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मस्जिदें और गेस्ट हाउस बनवा रही है.

Updated on: 20 Oct 2020, 02:09 PM

नई दिल्ली:

नेपाल में बने मदरसों में भारत के छात्र भी तालीम ले रहे हैं. मदरसों को मॉर्डन स्कूल का नाम देने की कोशिश की जा रही है. मॉडर्न पब्लिक स्कूल के नाम से कई मदरसे चल रहे है. वहां बोर्ड पर लिखा है. यहां पर अंग्रेजी, उर्दू. हिंदी की तालीम दी जाती है. जुमे की नमाज के बाद सेमिनार का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारत विरोधी बातें की जाती है. भारत नेपाल सीमावर्ती जिलों में इस तरह के कई इस तरह के मदरसे बने है.

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नेपाल से मदरसे के मुखौटे में आतंक की नर्सरी चला कर रहे पाकिस्तान और चीन के इसी नेक्सस का पर्दाफाश न्यूज़ नेशन की टीम ने किया. दावत-ए-इस्लामिया नेपाल बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मस्जिदें और गेस्ट हाउस बनवा रही है. जिसकी फंडिंग पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामिया से हो रही है. दावत-ए-इस्लामिया का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा से भी कनेक्शन है. भारत-नेपाल के बॉर्डर एरिया में बन रहे इन मदरसों के पीछे ISI का दिमाग है, जबकि पैसा चीन लगा रहा है. मकसद एकमात्र है भारत को बर्बाद करना. टेरर नेटवर्क को बढ़ावा देना है.

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दरअसल, नेपाल बॉर्डर भारत के खिलाफ आतंक का नया लॉन्च पैड बना है.! आतंक के इन खुफिया अड्डों का पर्दाफाश करने न्यूज़ नेशन के संवददाता यूपी के महराजगंज से सटे नेपाल के हथियागढ़ गांव भी पहुंचे. जहां धान की खेत के बीचोंबीच बना है यह आलीशान मदरसा. जो पहले से ही भारतीय खुफिया एजेंसियों की रडार पर भी है. नेपाल के सीमावर्ती जिलों रौतहट, पर्सा, कपिलवस्तु, सुनसरी और बारा में ऐसे मदरसे हर दूसरे दिन खड़े हो रहे हैं. विदेशी फंडिंग से खड़े हो रहे ये मदरसे भारत विरोधी गतिविधियों के सेंटर बने हुए हैं.