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कोरोना काल में रैलियों पर भड़का मद्रास हाईकोर्ट, कहा- चुनाव आयोग अफसरों पर दर्ज होना चाहिए हत्या का मुकदमा

कोरोना काल में चुनावी रैलियों को इजाजत देने के चुनाव फैसले आयोग के फैसले पर मद्रास हाईकोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है.एक सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने कहा कि 'चुनाव आयोग के अधिकारियों को हत्या के आरोपों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए

Updated on: 26 Apr 2021, 01:39 PM

चेन्नई:

चुनावी रैलियों में भीड़ और कोरोना की दूसरी लहर के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग पर बेहद सख्त टिप्पणी की है. मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाई है. मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि 'चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.' मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने भारत के चुनाव आयोग से कहा, 'आपकी संस्था कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है.' मद्रास HC ने चेतावनी दी है कि अगर 2 मई को आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना नहीं बनाई तो मतगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाएगी.

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मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग ही कोरोना की दूसरी वेव का जिम्मेदार है. कोर्ट ने कहा कि  चुनाव आयोग के अधिकारियों पर अगर मर्डर चार्ज लगाया जाए तो गलत नहीं होगा. अदालत में जब चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि उनकी ओर से कोविड गाइडलाइन्स का पालन किया गया, वोटिंग डे पर नियमों का पालन किया गया था. इसपर अदालत नाराज हुई और पूछा कि जब प्रचार हो रहा था, तब क्या चुनाव आयोग दूसरे प्लेनेट पर था.

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अदालत ने दी कड़ी चेतावनी
अदालत ने इसी के साथ चेतावनी दी है कि अगर दो मई को कोविड से जुड़ी गाइडलाइन्स का पालन नहीं हुआ और उसका ब्लूप्रिंट नहीं तैयार किया गया, तो वह मतगणना पर रोक लगा देंगे. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि स्वास्थ्य का मसला काफी अहम है, लेकिन चिंता की बात ये है कि अदालत को ये याद दिलाना पड़ रहा है. इस वक्त हालात ऐसे हो गए हैं कि जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. हाईकोर्ट ने अब चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह हेल्थ सेक्रेटरी के साथ मिलकर प्लान बनाना चाहिए और काउंटिंग डे की तैयारी करनी चाहिए. हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्लान बनाकर देने के लिए कहा है.