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अकबर ने मानहानि के मामले में रमानी को दोषमुक्त करने के आदेश को चुनौती दी

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने  यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को मानहानि के मुकदमे से बरी किये जाने के निचली अदालत के फैसले को  अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

Updated on: 24 Mar 2021, 11:18 PM

highlights

  • हाईकोर्ट पहुंचे एमजे अकबर
  • मानहानि मामले में निचली कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
  • प्रिया रमानी को बरी करने के आदेश को HC में दी चुनौती

नई दिल्ली :

पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर (M J akbar) ने यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को मानहानि के मुकदमे से बरी किये जाने के निचली अदालत के फैसले को अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. इससे पहले निचली अदालत ने एमजे अकबर की मानहानि की शिकायत को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि एक महिला को घटना के दशको बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है और किसी की प्रतिष्ठा के अधिकार का हवाला देकर किसी ( महिला ) की गरिमा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता.

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ये है पूरा मामला

दरअसल, साल 2018 में मी टू ( Me too ) अभियान के तहत रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे. अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ कथित तौर पर उन्हें बदनाम करने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी. इसी दौरान अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

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साल 2017 में रमानी ने वोग के लिए एक लेख लिखा जहां उन्होंने नौकरी के साक्षात्कार के दौरान पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया. एक साल बाद उन्होंने खुलासा किया कि लेख में उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एमजे अकबर थे. हालांकि, इससे पहले, अदालत में अकबर ने प्रिया रमानी की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.

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अकबर ने अदालत को बताया था कि रमानी के आरोप काल्पनिक थे और इससे उनकी प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुंचा है. दूसरी ओर प्रिया रमानी ने इन दावों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने विश्वास, सार्वजनिक हित और सार्वजनिक भलाई के लिए ये बातें सबके सामने लाईं.