कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गुरुवार को लव जिहाद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, लव जिहाद की चर्चा करना सामाजिक एकता को भंग करना है. कोई बता सकता है कि कितने मामले हैं जो तथाकथित जिहाद से संबंधित हैं? यह शुद्ध सांप्रदायिकता और जहरीली बयानबाजी है जिसका उद्देश्य हमारे लोगों और विचारों का ध्रुवीकरण करना है. इस तरह की लव जिहाद की बात हमारे लिए बिल्कुल सही नहीं है. शशि थरूर ने ये भी कहा कि लोगों के निजी जीवन में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हमें हमारे देश और लोकतंत्र की एकता के बारे में सोचना चाहिए. लेकिन राजनेताओं को किसने अधिकार दिया है कि वो फैसला करें कि लोगों को क्या पहनना है, किससे प्यार करना है, कैसे खाना है, कैसे और कहां प्रार्थना करनी है.
Love Jihad is absurdity as proposition. Can anyone point to how many cases there've been that constitute so-called jihad? This is pure communalism, poisonous rhetoric intended to polarise our people&opinion. This kind of love jihad talk is foreign to us:Congress MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/dS55BWhsiR
— ANI (@ANI) April 1, 2021
बता दें कि बजट सत्र के समापन के दिन गुरुवार विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायक इमरान खेडावाला ने 'धर्म स्वातं˜य' (धर्म की स्वतंत्रता) अधिनियम, 2003 को संशोधित करने के लिए प्रस्तावित विधेयक की एक प्रति को फाड़ दिया. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सदन में इस विधेयक को पेश किया था.
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संशोधन विधेयक के प्रावधानों पर बात करते हुए, खेडावाला ने कहा, "गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने केवल उल्लेख किया है कि हिंदू समुदाय की बेटियों को एक विशिष्ट समुदाय के पुरुषों द्वारा टार्गेट किया जाता है. बेटियां, किसी भी धार्मिक समुदाय के साथ रहें, हमेशा हमारी बेटी रहेंगी. मेरे पास भी मुस्लिम लड़कियों की सौ से अधिक गवाही है जो दूसरे धर्म में शादी कर रही हैं. मैं मंत्री के शब्दों से बहुत आहत हूं. " यह सुनते ही सदन के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने कांग्रेस विधायक को बीच में ही रोक दिया, लेकिन खेडावाला अपनी बात पर अड़े रहे.
खेडावाला ने कहा, "कोई भी किसी को किसी विशिष्ट धर्म में विवाह करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है और किसी भी धर्म में यह जबरन किसी को भी स्वीकार करने के लिए नहीं लिखा गया है. इस विधेयक में केवल एक समुदाय को विशेष रूप से 'जिहादी' जैसे शब्दों के साथ टार्गेट किया गया है. मैं इस विधेयक का विरोध करता हूं और मैं इसकी प्रति को फाड़ रहा हूं." इसके बाद सदन में भाजपा सदस्यों ने हंगामा किया.