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2024 के लोकसभा चुनावः अभी से अल्पसंख्यक वोटों को साधने में जुटी भाजपा

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा ने अल्पसंख्यक और खासतौर पर मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने की कवायद अभी से ही शुरू कर दी है.

Updated on: 12 May 2022, 05:27 PM

नई दिल्ली:

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा ने अल्पसंख्यक और खासतौर पर मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने की कवायद अभी से ही शुरू कर दी है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसकी जिम्मेदारी केंद्र के साथ-साथ राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी है. दरअसल, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के इस अभियान के जरिए देशभर के मुस्लिम  समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाना चाहती है.  यही वजह है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अल्पसंख्यक मोर्चे को देशभर में मुस्लिम बहुल इलाकों, मुस्लिम बहुल बस्तियों और मुस्लिम गांवों और मोहल्लों में जाकर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ संवाद करने का निर्देश दिया है.  

अल्पसंख्यक मोर्चे को मिली मुस्लिमों को रिझाने की जिम्मेदारी
नड्डा ने अल्पसंख्यक मोर्चे के नेताओं को मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर उन्हें केंद्र की मोदी सरकार और राज्यों की भाजपा सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण  के लिए किए गए कामों और उपलब्धियों की जानकारी देने का निर्देश दिया.  जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में नहीं है, वहां के अल्पसंख्यक मोर्चे को दायित्व दिया  है कि वह वहां के राज्य सरकार की नाकामियों को उजागर करें और उन्हें बताए कि उन्हें मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है.

 मुस्लिम व्यापारियों, बुद्धिजीवियों, महिलाओं व विद्यार्थियों के करेंगे संवाद
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा एक तरफ जहां अपने वोट बैंक को बढ़ाना चाहती है. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस और विपक्षी दलों की ताकत को भी कमजोर करना चाहती है, जो मुस्लिमों के साथ अन्य वर्गों को जोड़कर कई लोकसभा सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर देती आई है. भाजपा अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा को 6 से लेकर 8 जून के बीच यह विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. पार्टी आलाकमान के निर्देश के मुताबिक अल्पसंख्यक मोर्चा इन 3 दिनों के दरम्यान देशभर में मुस्लिमों के साथ संवाद स्थापित करेगा. इस दौरान मुस्लिम व्यापारियों, बुद्धिजीवियों, महिलाओं और विद्यार्थियों के साथ अलग-अलग तरीके से संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया है.

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बड़े सम्मेलन और सेमिनार का किया जाएगा आयोजन
मोर्चा बड़े सम्मेलनों के साथ ही मुस्लिम वर्ग के बुद्धिजीवियों के साथ सेमिनार करने और उन्हें मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देकर पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश करेगा. पार्टी खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक, हलाला और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय द्वारा मुस्लिम लड़कियों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देने के लिए कहा गया है. अल्पसंख्यक मोर्चे के साथ-साथ भाजपा का महिला मोर्चा भी मुस्लिम महिलाओं के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें भाजपा के साथ जोड़ने की कोशिश करेगा. छोटे और मझोले मुस्लिम व्यापारियों को हुनर हाट के जरिए उपलब्ध कराए जाने वाले रोजगार की जानकारी भी देने के लिए कहा गया है. अल्पसंख्यकों को अपने साथ जोड़कर भाजपा अपने वोट बैंक के दायरे को तो बनाना चाहती ही है. साथ ही देश भर के 20 हज़ार से अधिक अल्पसंख्यक बाहुल्य बूथ जहां, भाजपा कमजोर है, उसे मजबूत कर लेना चाहती है. 

HIGHLIGHTS

  • अगले लोकसभा चुनाव से पहले जनाधार बढ़ाने में जुटी सत्ताधारी भाजपा
  • भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी जिम्मेदारी
  • 6 जून से 8 जून के बीच bjp अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में करेंगे कार्यक्रम