Lockdown Effect : राम तेरी गंगा निर्मल हो गई फैक्ट्रियों के बंद होते-होते
Lockdown Effect : लॉकडाउन में भले ही आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच एक अच्छी खबर है. लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से प्रदूषण कम हुआ है और गंगा का पानी एकदम शुद्ध हो गया है.
नई दिल्ली:
लॉकडाउन (Lockdown) में भले ही आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बीच एक अच्छी खबर है. लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से प्रदूषण कम हुआ है और गंगा का पानी (Ganga Water) एकदम शुद्ध हो गया है. इसके अलावा, हवा में भी शुद्धता आई है. देश के प्रमुख तीर्थ हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा जल अब पीने योग्य हो गया है. पहले यहां के जल को B कैटागरी में रखा गया था, लेकिन लॉकडाउन में इसकी शुद्धता बढ़ने से A कैटागरी में शामिल कर लिया गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगाजल में घुले डिसॉल्वड सॉलिड की मात्रा में 500 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. ऋषिकेश में गंगाजल को डिसइंफेक्ट कर पीने के लिए उपयोग किया जा सकता है तो हरिद्वार में अभी यह नहाने योग्य है और कुछ ट्रीटमेंट के बाद यह पीने योग्य भी हो जाएगा.
यह भी पढ़ें : 'बंगाल को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी', केंद्रीय मंत्री के दावे पर भड़के राज्य के मंत्री
आम तौर पर उत्तराखंड के तीर्थ वाले शहरों में अप्रैल-मई और जून में टूरिस्टों की भारी भीड़ लगी रहती थी, लेकिन लॉकडाउन होने से यहां सन्नाटा पसरा है. झील नगरी नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल सभी में झीलों का पानी न केवल पारदर्शी और निर्मल दिख रहा है बल्कि इन झीलों की ख़ूबसूरती भी बढ़ गई है.
पिछले कई सालों से झीलों के जलस्तर में गिरावट देखी जा रही थी, जो इस बार नहीं दिख रही है. जानकारों के अनुसार, शहर के होटलों में लटके तालों, रेस्तरां के बंद होने से ऐसा संभव हो पाया है. झील में मछलियों का किनारे आकर अठखेली करना देखते बन रहा है. लॉकडाउन में आलम यह है कि तेंदुए के शावक शहर रोड पर खुलेआम चहलकदमी करते देखे जा सकते हैं. कुछ दिनों पहले तो सुबह सवेरे गजराज हरकी पौड़ी घाट पर स्नान करने आ धमके. किसी तरह गजराज को वहां से विदा किया गया.
गंगाजल को शुद्ध करने के लिए सरकारों ने करोड़ों खर्च किए तब भी परिणाम नहीं आया, लेकिन लॉकडाउन ने ऐसा कर दिखा. विशेषज्ञों के अनुसार, पहले की तुलना में गंगाजल की गुणवत्ता में 40-50% सुधार आया है.
यह भी पढ़ें : 22 मई से चलेंगी शताब्दी सहित कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें, 15 मई से शुरू होगी बुकिंग
गंगाजल के अलावा हवा भी इतनी शुद्ध हो गई है कि शहरों से पहाड़ों की चोटियां साफ़ दिख रही हैं. लॉकडाउन में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बंद होने से साफ़ सफाई बढी, वहीं मंदिरों के बंद होने से कचरे निकलने बंद हो गए और इसका फल यह हुआ कि जहां गंगा घाट साफ़ और सुंदर हो गए, वहीं गंगा भी निर्मल हो गई.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय