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गौरी लंकेश हत्या की जांच के लिये सिद्धारमैया ने गठित की SIT, राजनाथ ने मांगी रिपोर्ट

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरू के राजाराजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक लंकेश को नजदीक से तीन गोलियां मारी गई है।

Updated on: 06 Sep 2017, 03:03 PM

नई दिल्ली:

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरू के राजाराजेश्वरी नगर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक लंकेश को नजदीक से तीन गोलियां मारी गई है। उन्होंने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।

गौरी लंकेश की हत्या के बाद राजनीतिक आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सचाई को खामोश नहीं किया जा सकता है। उनके अलावा कपिल सिबल, केंद्रीयमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के अलावा कई लोगों ने इस हत्या की निंदा की है।

दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और विमन्स प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है। 

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गौरी लंकेश की हत्या पर राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गौरी लंकेश हत्याकांड की घोर निंदा की।

राहुल गांधी के आरोप पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जताई आपत्ति, कहा राहुल के आरोप निराधार, हमारा गौरी लंकेश की हत्या से कोई लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री के बारे में ऐसा कहना ठीक नहीं 

परिवार चाहे तो सीबीआई जांच से परहेज नहीं: कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया

गौरी लंकेश मर्डर केस की सीबीआई जांच कराने के सवाल पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा,' मैने यह फैसला DGP पर छोड़ा हुआ है, वो इसके लिए गृहमंत्री से मिलें और जो उचित हो वो करें।'

इससे पहले राहुल गाँधी ने ट्वीट किया, 'सच को कभी दबाया नहीं जा सकता।  गौरी लंकेश हमारे दिलों में बसती हैं। मेरी संवेदनांए और प्यार उनके परिवार के साथ। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।'

राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,' प्रधान मंत्री एक कुशल हिंदुत्ववादी राजनीतिज्ञ हैं, उनकी हर बात के दो मतलब होते हैं, एक जो दुनिया को दिखाने के लिए होता है और दूसरा जो उनका मुख्य एजेंडा हैं।

Anybody who speaks against ideology of BJP-RSS is pressured, beaten, attacked and even killed: Rahul Gandhi #GauriLankesh pic.twitter.com/V2h7vnXClk

— ANI (@ANI) September 6, 2017

वहीं गौरी लंकेश पर हमले को लेकर जावेद अख्तर ने सवाल किया- अगर दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और लंकेश जैसे लोग मारे जा रहे हैं, तो मारने वाले कैसे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिबल ने लंकेश की हत्या को दुखद बताया है और कहा है कि उनकी हत्या उन लोगों को चुप कराने की कोशिश है जो अलग विचार रखते हैं।

 Gauri a rationalist silenced by gunshots . Her murder is an attempt to stifle reason , to silence those holding contrarian views . Tragic.

इस घटना के बाद से ही कई नेता, पत्रकारों ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए दुःख जताते हुए दिखे। केंद्रीय खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा, 'बंगलुरु से गौरी लोकेश की जघन्य हत्या की खबर है। मैं पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की निंदा करता हूं।'

इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस हत्या पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। मंगलवार को सीएम गौरी लंकेश के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गौरी की हत्या पर शोक जताया है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने गौरी की हत्या की निंदा की है और उम्मीद जताई है कि इस मामले में जल्द जांच कर दोषियों को सजा दी जाए।

कौन थी गौरी लंकेश ?

1- गौरी लंकेश का जन्म 1962 में हुआ था। वह एक साप्ताहिक कन्नड पत्रिका 'लंकेश पत्रिका" पब्लिश करती थी।' पत्रकार होने साथ ही वह एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थी।

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2- गौरी लंकेश के पिता पी लंकेश खुद भी एक पत्रकार थे और कन्नड़ में लंकेश पत्रिका नाम से एक साप्ताहिक पत्रिका निकालते थे। बाद में गौरी इसकी संपादक बनी।

3- पिता की मौत के बाद उनके भाई इंद्रजीत और उन्होंने 'लंकेश पत्रिका' की जिम्मेदारी संभाली। कुछ साल तो उनके और भाई के रिश्ते ठीक रहे लेकिन साल 2005 में नक्सलियों से जुड़ी एक खबर के चक्कर में भाई और उनकी बीच खटास पैदा हो गई। दरअसल भाई ने खबर के जरिए नक्सलियों को हीरो बनाने के आरोप लगाए थे । इसके बाद दोनों के बीच का विवाद खुलकर सामने आ गया था। दोनों भाई-बहन के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि भाई इंद्रजीत ने उनके खिलाफ पुलिस थाने में ऑफिस के कम्प्यूटर,प्रिंटर चुराने की शिकायत कर दी। वहीं गौरी ने भाई के खिलाफ ही हथियार दिखाकर धमकाने की शिकायत दर्ज करा दी।

लंकेश ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत बैंगलुरू में ही एक अंग्रेजी अखबार से की थी। यहां कुछ वक्त काम करने के बाद वो दिल्ली चली गईं। कुछ साल दिल्ली में बिताने के बाद वो दोबारा बैंगलुरू लौट आईं और यहां 9 साल तक संडे नाम की एक मैगजीन में बतौर कॉरेसपॉन्डेंट काम किया।


4- भाई से विवाद के बाद गौरी ने अपना साप्ताहिक कन्नड़ गौरी लंकेश पत्रिका निकालनी शुरू कर दी। वो खुले तौर पर हिंदूत्ववादी राजनीति का विरोध करती थी।

5- साल 2003 में भी उन्होंने संघ परिवार की उस कोशिश का भी विरोध किया था। जिसके तहत बाबा बुदन गिरी में मौजूद गुरू दत्तात्रय बाबा बुदन दरगाह के हिंदूकरण की बात सामने आ रही थी।

6- साल 2012 में उन्होंने एक प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया ूपो जहां गौरी ने मैंगलोर के साम्प्रदायिक संस्थाओं पर बैन लगाने की वकालत की। इसी दौरान उन्होंने खुले तौर पर हिंदूत्व की विचारधारा को आड़े हाथों लिया और कहा कि हिंदू कोई धर्म नहीं है,बल्कि समाज का एक ऐसा सिस्टम है,जिसमें महिलाओं को दोयम दर्जे का माना जाता है।

7-गौरी ने अतीत में नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काम किया था जो सामाजिक मुख्यधारा में लौटना चाहते थे।

8- साल 2008 में गौरी के पेपर में छपे एक आर्टिकल के लिए बीजेपी नेताओं ने केस दायर किया गया था। क्योंकि यह आर्टिकल बीजेपी नेताओं के खिलाफ लिखा गया था।

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9- पिछले साल नवंबर में गौरी लंकेश को मानहानि के मामले में कोर्ट ने 6 महीने की सजा सुनाई थी। हालांकि, उस समय गौरी को बेल भी मिल गई थी धारवाड़ से बीजेपी सांसद प्रहलाद जोशी और पार्टी के लीडर उमेश दुशी ने गौरी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।

10- गौरी के परिवार में बहन कविता और उनके भाई कविता नेशनल फिल्म अवॉर्ड विनर हैं।

गौरी लंकेश कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कॉलम लिखती थीं। गौरी लंकेश राइट विंग की मुखर आलोचक मानी जाती थी। बताया जा रहा है कि वैचारिक मतभेद को लेकर गौरी लंकेश कुछ लोगों के निशाने पर थी। गौरी लंकेश जिस साप्ताहिक पत्रिका का संचालन करतीं थी उसमे कोई विज्ञापन नहीं लिया जाता था।

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