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राहुल गांधी ने तोड़ा उपवास, कहा- बीजेपी की विचारधारा देश को तोड़ने वाली

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी समेत लाखों कार्यकर्ता मोदी सरकार की असफलता को लेकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

Updated on: 09 Apr 2018, 05:11 PM

नई दिल्ली:

देश भर में दलितों के खिलाफ जारी हिंसा और उन पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। इस दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी समेत लाखों कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 

राजघाट से राहुल गांधी ने भूख हड़ताल और प्रदर्शन की शुरुआत की है। दलितों के खिलाफ हो रहे हिंसा को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं और भूख हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।

LIVE अपडेट्स :

# राहुल गांधी ने तोड़ा उपवास, कहा- बीजेपी की विचारधारा देश को तोड़ने वाली, 2019 में हराकर दिखाएंगे।

# कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शीला दीक्षित, अशोक गहलोत और अजय माकन राजघाट पर अनशन के लिए बैठे।

# बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने राहुल के उपवास पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया कि, 'राहुल जी अगर लंच हो गया हो तो, उपवास पर बैठ जाओ।' यहां पढ़िए पूरा ट्वीट-

# कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे राजघाट, कुछ देर में शुरू करेंगे अनशन।

# कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा- सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारा दोनों ही मोदी सरकार में खतरे में हैं, वह (बीजेपी) समाज को बांटना चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस की यह ड्यूटी है कि इन ताकतों के खिलाफ लड़ें, इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं।

# राहुल गांधी जिस स्टेज पर उपवास कर रहे हैं वहां से जगदीश टाइटलर को भी हटाया गया।

# राहुल गांधी के उपवास स्थल राजघाट से कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को वापस लौटाया गया।

दिल्ली में राहुल के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और पार्टी के कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस ने केंद्र और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रदेश सरकारों पर दो अप्रैल को हुई हिंसा को रोकने में असमर्थ होने का आरोप लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन के निर्णय के विरोध में देश भर के दलित संगठनों ने दो अप्रैल को 'भारत बंद' का आह्वान किया था।

वहीं इस बंद को लेकर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सभी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों को इस बारे में खत लिखकर राहुल गांधी के फैसले की जानकारी दी थी।

राहुल का निर्णय पत्र के माध्यम से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों और विभिन्न राज्यों में पार्टी के विधान परिषद नेताओं को भेज दिया गया था।

पत्र में लिखा था, 'दो अप्रैल की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सामाजिक ढांचे के लिए यह बहुत खतरनाक है। साफ है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकारों ने हिंसा से निपटने के लिए उचित कदम नहीं उठाए। इसलिए इस मुश्किल घड़ी में कांग्रेस द्वारा देश का नेतृत्व करना और भी जरूरी हो गया है।'

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