न्यूज नेशन पर महापंचायत: किसान बोले- मांगें नहीं माने जाने तक डटे रहेंगे
किसान आंदोलन पर को लेकर न्यूज नेशन पर थोड़ी देर में डिबेट होगी, जिसमें किसान से लेकर सरकार तक का पक्ष लिया जाएगा.
नई दिल्ली:
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश का किसान गुस्से हैं. खासकर हरियाणा पंजाब और यूपी में किसान आंदोलन कर रहे हैं. पिछले 6 दिनों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं. नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के समर्थन में राजनीतिक दल उतर चुके हैं. ऐसे में किसान आंदोलन पर सियासत भी जमकर हो रही है. इस मुद्दे पर न्यूज नेशन पर थोड़ी देर में डिबेट होगी, जिसमें किसान से लेकर सरकार तक का पक्ष लिया जाएगा.
किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी की है. दूसरी मांग है कि किसानों के लिए कोर्ट में जाने का रास्ता खुलना चाहिए. इन कानूनों से जमाखोरी बढ़ेगी और किसानों को नुकसान होगा, किसानों को स्टॉक लिमिट में अधिकार मिले- वीरपाल चौधरी
किसान नेता वीएम सिंह ने किसानों से साथ बातचीत के आमंत्रण पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा-पंजाब से ज्यादा खेती यूपी में होती है, लेकिन सरकार सिर्फ पंजाब के किसानों के बातचीत कर रही है.
जेएस यादव ने कहा कि केंद्र की बजाय एमएसपी का अधिकार राज्यों के पास है. केंद्र ने राज्यों से यह अधिकार छीना नहीं है.
हरियाणा के चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने प्रदेश की खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.
बुराड़ी में धरने पर किसानों ने कहा कि जब तक हल नहीं निकलेगा, तब तक हम यहां से वापस लौटेंगे नहीं.
किसान नेता वीरपाल चौधरी ने कहा कि किसान एकजुट नहीं हैं, अलग-अलग संगठन बने हैं. लेकिन सरकार कुछ ही गिने-चुने संगठनों को बुला रही है.
वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह ने कहा कि किसानों के बीच भ्रम नहीं है, बल्कि वह सरकार के कानूनों को लेकर आशंका में हैं.
वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह ने कहा कि अभी किसानों और सरकारों के बीच मतभेद है. किसान आसानी से पीछे नहीं हटेंगे.
संवाददाता रवि सिसोदिया ने किसानों से बात की है. किसानों ने कहा कि बैठक से ज्यादा उम्मीद नहीं है.
नए कानूनों को किसान को दर्द नहीं है, किसी और को दर्द हो जो चिल्ला रहा है- डॉक्टर जेएस यादव
HIHMC के एमडी डॉक्टर जेएस यादव ने कहा कि किसान कह रहे हैं हमें कानूनों को लेकर पूछा नहीं गया. लेकिन असलियत यह है कि कई कमेटियां बनाई गईं, जिसमें किसानों से बात की गई.
भारतीय कृषक अध्यक्ष कृष्णबीर चौधरी ने कहा कि अगर मंडियों की व्यवस्था अच्छी तो किसान कर्ज में क्यों डूबा था. क्यों किसान मर रहा है.
डिबेट में किसान नेता वीरपाल ने कहा कि किसानों में बहुत अच्छी चीजें हैं, लेकिन किसान इसे समझ नहीं पा रहे हैं.
बुराड़ी में बैठे किसानों का कहना है कि सरकार ने नए कानूनों से पूरी व्यवस्था खत्म कर दी है.
संवाददाता मनीष चौरसिया ने किसानों से बातचीत की है. किसानों ने कहा कि बातचीत से सरकार समय बर्बाद कर रही है.
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