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मायानगरी मुंबई में छाया अंधेरा, जानें कैसे पावर ग्रिड फेल होने से बिजली हो जाती है गुल

मुंबई और आसपास के इलाकों में सोमवार को अचानक बिजली गुल होने से दैनिक जीवन पर असर देखने को मिला. सभी बिजली कंपनियों - महावितरण, अडानी, टाटा और बेस्ट ने इस बात की पुष्टि की लेकिन इसके पीछे के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

Updated on: 12 Oct 2020, 02:38 PM

नई दिल्ली:

मुंबई और आसपास के इलाकों में सोमवार को अचानक बिजली गुल होने से दैनिक जीवन पर असर देखने को मिला. सभी बिजली कंपनियों - महावितरण, अडानी, टाटा और बेस्ट ने इस बात की पुष्टि की लेकिन इसके पीछे के कारणों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ऊर्जा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास जारी हैं.

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ग्रिड फेल होने से मुंबई के अधिकतर इलाकों में सोमवार सुबह से बिजली गुल है. बिजली आपूर्ति ठप होने से लोकल ट्रेन सेवा भी बाधित हो गई है. लाखों यात्री सुबह से फंसे हुए हैं. बताया जा रहा है कि साउथ, सेंट्रल और नॉर्थ मुंबई में कहीं भी बिजली नहीं आ रही है. यहां तक कि ठाणे और नवी मुंबई तक में इसका असर देखा जा रहा है. यहां भी कई इलाकों में बिजली नहीं आ रही है.

कैसे फेल होता है पावर ग्रिड-

ग्रिड बिजली लाइनों का एक नेटवर्क होता है, जिसके जरिए उपभोक्ता तक बिजली की सप्लाई की जाती है. यानी बिजली उत्पादन से लेकर बिजली आपके घर या दफ्तर पहुंचाने तक जिस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है उसे पावर ग्रिड कहा जाता है.

भारत में बिजली का ट्रांसमिशन 49-50 हर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी पर होता है. जब भी ये उच्चतम या न्यूनतम स्तर तक पहुंच जाती है तो पावर ग्रिड फेल होने का खतरा पैदा हो जाता है. ऐसे में ट्रांसमिशन लाइन पर ब्रेकडाउन हो जाता है, जिसे ग्रिड फेल होना कहते हैं. इसी की वजह से बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप हो जाती है.

जिन स्टेशनों से बिजली की सप्लाई की जाती है वहां से फ्रीक्वेंसी का ध्यान रखना पड़ता है. इन स्टेशनों को 48.5 से 50.2 हर्ट्ज के बीच फ्रीक्वेंसी रखनी होती है. नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर इसके लिए राज्यों पर नजर रखता है. कई बार राज्य लिमिट से ज्यादा पावर की सप्लाई कर देते हैं जिससे ग्रिड फेल होने का संकट पैदा हो जाता है.