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लखीमपुर कांड: आशीष मिश्रा की जमानत मामले में SC ने UP सरकार से जवाब मांगा

वकील प्रशांत भूषण के जरिये दाखिल हुई इस याचिका में परिजनों ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख नहीं किया है.

Updated on: 16 Mar 2022, 11:48 AM

highlights

  • किसानों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था
  • कोर्ट ने एक गवाह पर हमला होने की घटना पर चिंता जाहिर की
  • कोर्ट ने सभी गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

नई दिल्ली:

lakhimpur kheri Incident : लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी किया है. गाड़ी से कुचल कर मारे गए किसानों के परिजनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली ज़मानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 10 मार्च को एक गवाह पर हमला होने की घटना पर चिंता जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सभी गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मसले पर भी विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है. अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी.

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याचिका में क्या कहा गया 

वकील प्रशांत भूषण के जरिये दाखिल हुई इस याचिका में परिजनों ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख नहीं किया है. लिहाज़ा उन्हें अर्जी लगानी पड़ रही है. याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने ज़मानत देते वक़्त अपराध की गंभीरता आशीष मिश्रा के खिलाफ ठोस सबूतों को नज़रंदाज़ कर दिया. जिस तरह की आशीष मिश्रा की हैसियत है, उसके मद्देनजर ज़मानत पर रहते वक़्त सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता. याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ितों के वकील तकनीकी दिक़्क़तों की वजह से अपनी बात नहीं रख पाए और उन्हें फिर से सुने जाने की मांग हाई कोर्ट ने खारिज कर दी.