गुमला में मिलेट क्रॉप मड़ुआ से बन रहे लड्डू और नूडल्स, देश भर में होगी सप्लाई
गुमला में मिलेट क्रॉप मड़ुआ से बन रहे लड्डू और नूडल्स, देश भर में होगी सप्लाई
रांची:
झारखंड का गुमला जिला मिलेट क्रॉप मडुआ (रागी) के उत्पादन, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में खास पहचान बना रहा है। यहां मड़ुआ रागी से बनाये जा रहे लड्डू, आटा, नूडल्स आदि की सप्लाई देश-राज्य के विभिन्न इलाकों में करने की शुरूआत की जा रही है। मिलेट और इसके उत्पादों का कारोबार करने वाली देश की एक दर्जन कंपनियों ने इसमें अपनी रुचि दिखाई है। झारखंड सरकार ने भी एनीमिया और डायबिटीज के नियंत्रण के लिए मिलेट की खेती से लेकर इनके उत्पादों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए मिलेट मिशन लांच किया है। इसके लिए राज्य सरकार के सालाना बजट में 50 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।गुमला जिले में वर्ष 2022 में 8600 एकड़ जमीन पर मड़ुआ रागी की खेती की गई है, जबकि इसके पहले के वर्ष में लगभग 4500 एकड़ में यह फसल लगाई गई थी। खास बात यह है कि इसकी खेती में महिला किसानों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार मड़ुआ-रागी की खेती के लिए 4500 से ज्यादा किसानों को 20 हजार किलोग्राम बीज उपलब्ध कराया गया था। किसानों से अब तक 65 हजार किलोग्राम रागी की खरीद सरकारी स्तर पर की गई है।
उत्पादित फसल की प्रोसेसिंग -पैकेजिंग और इससे लड्डू, नूडल्स और आटा बनाने के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की ओर से कई इकाइयां लगाई गई हैं और इनसे महिला मंडल की दीदियों को जोड़ा गया है। गुमला के उपायुक्त सुशांत गौरव खुद जिले में चल रहे इस मिशन में रुचि ले रहे हैं।
बीते महीने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित मिलेट कार्निवाल फेस्ट के दौरान गुमला में बनाए गए जोहार ब्रांड रागी लड्डू की खूब मांग रही। दो दिनों में सिर्फ एक स्टॉल पर 50 हजार रुपए से ज्यादा के रागी लड्डू की बिक्री हुई।
देश की जिन 13 कंपनियों ने गुमला में बनाए जा रहे रागी के लड्डू के कारोबार में रुचि दिखाई है, उनमें एनरिच, इम्युनो मिलेट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद, मिलेट कैफे रायपुर, ट्रांसफामिर्ंग रुरल इंडिया फाउंडेशन आदि शामिल हैं।
लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुझे खुशी है कि गुमला जिले के मड़ुआ-रागी के उत्पादों की पहचान अब दूसरे जिलों में बन रही है।
नीति आयोग ने भी गुमला जिले में मड़ुआ-रागी के उत्पादों की पैकेजिंग-प्रोसेसिंग को लेकर चल रही योजनाओं की सराहना की है और यहां की तस्वीरें अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है।
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