जानिए गाय को क्यों राष्ट्रीय पशु बनाने हो रही है मांग, संसद में सरकार ने दिया ये जवाब

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने के सवाल पर सोमवार को सरकार ने लोकसभा में जवाब दिया. जिसमें सरकार ने कहा कि कहा कि पशु एक ऐसा मामला है जिस पर राज्य विधायिका के पास कानून बनाने की विशेष शक्तियां मौजूद हैं

author-image
Suhel Khan
एडिट
New Update
Cow

Cow ( Photo Credit : Social Media)

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने की मांग लंबे समय से होती रही है, इस संबंध में कल (सोमवार, 7 अगस्त) को सरकार ने संसद में जवाब दिया. जिसमें ये स्पस्ष्ट नहीं हो सका कि निकट भविष्य में सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करेगी या नहीं. दरअसल, सोमवार को लोकसभा में बीजेपी सांसद भागीरथ चौधरी ने पूछा कि क्या सरकार 'गौमाता' यानी गाय को 'राष्ट्रीय पशु' के रूप में मान्यता देने का इरादा रखती है. बता दें कि अजमेर से सांसद चौधरी ने संसद के निचले सदन में एक लिखित प्रश्न में केंद्रीय संस्कृति मंत्री से इस बारे में जवाब मांगा. इस दौरान उन्होंने कई सवाल पूछे. बीजेपी सांसद के सवाल पर केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री ने लिखित प्रतिक्रिया में कहा कि, जैसा कि पशुपालन विभाग द्वारा सूचित किया गया है, संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों के वितरण के तहत, (संविधान के अनुच्छेद 246(3)) का संरक्षण किया गया है.

Advertisment

ये भी पढ़ें: दिल्ली में केजरीवाल सरकार में बड़ा फेरबदल, मंत्री आतिशी को सौंपे गए दो और विभाग

राज्य विधायिका के पास कानून बनाने की शक्तियां

उन्होंने कहा कि पशु एक ऐसा मामला है जिस पर राज्य विधायिका के पास कानून बनाने की विशेष शक्तियां मौजूद हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि गाय और गोवंश समेत पशुओं के संरक्षण के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है. वहीं संसद में कानून लाकर गाय को राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता के जबाव में उन्होंने कहा कि, इस संबंध में क्‍या वह भारतीय और सनातन संस्कृति की सुरक्षा और पुनरुद्धार पर विचार कर रही है. यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

बाघ और मोर राष्ट्रीय पशु और पक्षी

संस्‍कृति मंत्री रेड्डी से यह भी कहा कि क्या देश में कुछ पक्षी, फूल, जानवर आदि को राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय पशु के रूप में नामित किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश भर में आम लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए विशेष दर्जा के साथ-साथ सुरक्षा प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि, जैसा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है, भारत सरकार ने बाघ और मोर को क्रमशः ‘राष्ट्रीय पशु’ और ‘राष्ट्रीय पक्षी’ के रूप में अधिसूचित किया है.

ये भी पढ़ें: Paytm Travel Sale: रक्षाबंधन से पहले पेटीएम का तोहफा, फ्लाइट्स से लेकर ट्रेन व बसों में भारी डिस्काउंट

पुनः अधिसूचित किए गए बाघ और मोर राष्टीय पशु और पक्षी

संसद में दिए गए अपने जवाब में संस्कृति मंत्री ने कहा कि चूंकि भारत सरकार की उक्त अधिसूचनाएं काफी समय से MoEF और CC के आधिकारिक रिकॉर्ड में नहीं आ रही थीं, इसलिए मंत्रालय ने 30 मई 2011 को बाघ और मोर को फिर से ‘राष्ट्रीय पशु’ और ‘राष्ट्रीय पक्षी’ के रूप में अधिसूचित किया है. बता दें कि बाघ और मोर को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I जानवरों में शामिल किया गया है, जिससे उन्हें शिकार से उच्चतम स्तर की सुरक्षा मिलती है. साथ ही इन जानवरों के महत्वपूर्ण आवासों को भी संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है.

ये भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session: निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी से पूछा ये सवाल, संसद में जमकर हुआ हंगामा

क्यों होती है गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग

दरअसस, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग समय-समय पर इसलिए होती रहती है क्योंकि हिंदू धर्म के अनुयायी गाय को अत्यधिक पवित्र मानते हैं साथ ही इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है.  जिसका पालन भारत के ज्यादातर लोग करते हैं. इसके अलाव गाय को जीवन, जीविका और उर्वरता के प्रतीक के रूप में पवित्र और पूजनीय माना गया है. हालांकि, राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्णय एक जटिल मामला है जिसमें विभिन्न विचार शामिल हैं. बता दें कि भारत में पहले से ही बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है. उसे इसलिए राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है क्योंकि इसे पारिस्थितिक महत्व और संरक्षण की आवश्यकता के लिए चुना गया है.

HIGHLIGHTS

  • गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सवाल का सरकार ने दिया जवाब
  • राज्य विधायिका के पास इसके लिए कानून बनाने की शक्तियां
  • बाघ और मोर हैं राष्ट्रीय पशु और पक्षी

Source : News Nation Bureau

cow as national animal tiger parliament national animal monsoon-session india-news cow
      
Advertisment