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जानिए क्या है ई-संपत्ति कार्ड और इससे क्या होगा फायदा, आज प्रधानमंत्री मोदी करेंगे वितरण

राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मित्व योजना के तहत ई-संपत्ति कार्डो के वितरण का शुभारंभ करेंगे.

Updated on: 24 Apr 2021, 08:18 AM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मित्व योजना के तहत ई-संपत्ति कार्डो के वितरण का शुभारंभ करेंगे. पीएम मोदी दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. इस अवसर पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे, जिसके साथ ही देश भर में स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान करेंगे.

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स्वामित्य योजना के बारे में

प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व (गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ मानचित्रण) का शुभारंभ किया था. इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा. योजना के पायलट चरण को महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और पंजाब व राजस्थान के चुनिंदा गांवों में 2020-21 के दौरान लागू किया गया था.

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क्या है ई-प्रोपर्टी कार्ड

दरअसल, आज तक गांवों में रहने वाले लोगों के पास उनके आवास के मालिकाना हक का कोई दस्तावेज नहीं है. लेकिन इस योजना के अंतर्गत शहरों और गांवों में सभी को उनकी जमीन के कागजात मिल सकेंगे. गांवों में ड्रोन जैसी नवीनतम टेक्नोलाजी से जिस प्रकार मैपिंग और सर्वे किया गया, उससे हर गांव का सटीक लैंड रिकॉर्ड बन गया. जिसके बाद लोगों को अब उसके मालिकाना हक का दस्तावेज ऑनलाइन मुहैया करवाया जाएगा, जिसे ई-प्रोपर्टी कार्ड भी कह सकते हैं.

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ई-प्रोपर्टी कार्ड का क्या लाभ होगा.

सरकार की मानें तो इससे कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए ग्रामीणों द्वारा संपत्ति को एक वित्तीय संपदा के रूप में इस्तेमाल करने का मार्ग प्रशस्त होता है. यानी लोगों को प्रोपर्टी कार्ड मिलने से वे अब बिना किसी विवाद के संपत्ति खरीद और बेच पाएंगे और गांवों में लोगों के अपने घर पर होने वाले कब्जे की आशंका समाप्त हो जाएगी. गांवों के घरों की संपत्ति के आधार पर नौजवान बैंक से कर्ज लेकर अपना भविष्य बना पाएंगे.