केरल की बाढ़ को कांग्रेस ने बताया मानव-जनित आपदा, राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा कि यह आपदा ऊर्जा मंत्री, जल संसाधन मंत्री और केरल राज्य बिजली बोर्ड (केएसईबी) के बीच समन्वय के अभाव की वजह से आई।
तिरुवनंतपुरम:
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि केरल में आई बाढ़ मानव-जनित है और यह खराब बांध प्रबंधन की वजह से आई है। विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने मीडिया से कहा कि यह आपदा ऊर्जा मंत्री, जल संसाधन मंत्री और केरल राज्य बिजली बोर्ड (केएसईबी) के बीच समन्वय के अभाव की वजह से आई। उन्होंने कहा कि इस मानूसन केरल में 41.44 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई और सभी बांधों के गेट को बिना समुचित विश्लेषण या प्रभाव का अध्ययन किए बिना ही खोल दिया गया, लोग पूरी तरह से अनभिज्ञ थे कि बांधों को खोला जा रहा है।'
केरल में बांधों का प्रबंधन केएसईबी या जल संसाधन मंत्रालय देखता है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पथानमथिट्टा, अलप्पुझा और वायनाड हैं, जहां सबसे ज्यादा संख्या में बांध मौजूद हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस वर्ष 1924 में हुई बारिश की तुलना में काफी कम बारिश हुई है। इस बार यह आपदा इसलिए आई क्योंकि मौसम भविष्यवाणी को नजरअंदाज किया गया और हल्के में लिया गया।'
उन्होंने कहा, 'इडुक्की बांध की अधिकतम जल क्षमता 2,403 फीट है। 15 जुलाई के बाद, इसकी क्षमता 90 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। 31 जुलाई को जलस्तर 2,395.68 फीट तक पहुंच गया था और ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने कहा कि जब जलस्तर 2,397 फीट पर पहुंच जाएगा तो एक ट्रायल रन चलाया जाएगा।'
चेन्निथला ने कहा, 'उन्होंने ऐसा नहीं किया। जब 9 अगस्त को जलस्तर 2,398 फीट तक पहुंच गया तो पहले बाढ़ गेट को खोल दिया गया।' उन्होंने कहा कि त्रिशूर जिले के चालाकुड्डी क्षेत्र में सभी छह बांधों के गेट को एकसाथ खोल दिया गया। यह बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।
चेन्निथला ने कहा, 'केरल सरकार ओखी आपदा से सीखने में विफल रही। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों को शामिल कर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पुनर्जीवित करने का वादा किया था। वह फाइल अभी भी उनके कार्यालय में पड़ी हुई है...यह और कुछ नहीं बल्कि मानव जनित आपदा है।'
चेन्निथला के आरोपों को खारिज करते हुए बांध सुरक्षा प्राधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) सी.एन. रामचंद्रन नायर ने कहा, 'चीजों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है और मुझे नहीं लगता कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे सच हैं।'
और पढ़ें: केरल बाढ़ में सब कुछ गंवाने के बाद लोगों में बढ़ रही है हताशा, एक व्यक्ति ने की आत्महत्या
केएसईबी के चेयरमैन एन.एस. पिल्लई ने इस बात से सहमति जताई कि बांधों के गेटों को एक साथ खोल दिया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि बोर्ड ने समुचित योजना व समन्वय के आधार पर काम किया।
पिल्लई ने कहा, 'हम कैसे और क्या काम करते हैं, मैं इसकी सारी जानकारी मुहैया करा सकता हूं। सभी कुछ एक समुचित योजना के अनुसार हुआ।' ऊर्जा मंत्री मणि ने कहा कि सभी आरोपों की जांच की जाएगी।
और पढ़ें: केरल को नहीं मिलेगा UAE का 700 करोड़, केंद्र सरकार ने कहा- नीति में बदलाव संभव नहीं
राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने कहा कि यह एक दूसरे पर आरोप लगाने का समय नहीं है और इसके स्थान पर हमें सबसे बड़े राहत अभियान की ओर हमारा ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
केरल में 1924 के बाद आई अबतक की सबसे प्रलयकारी बाढ़ की वजह से 3000 राहत शिविरों में लाखों लोग रह रहे हैं। 29 मई से शुरू हुई मानसून की बारिश के बाद यहां मृतकों की संख्या करीब 370 तक पहुंच चुकी है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट