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केजरीवाल ने कहा नोटबंदी का फैसला धोखा, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नोटबंदी के जांच की मांग की। उन्होंने सरकार के इस कदम को 'धोखा' करार देते हुए कहा कि ये एक पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिये उठाया गया कदम है।

Updated on: 15 Nov 2016, 07:39 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नोटबंदी के जांच की मांग की। उन्होंने सरकार के इस कदम को 'धोखा' करार देते हुए कहा कि ये एक पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने के लिये उठाया गया कदम है।

नोटबंदी के बाद दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान केजरीवाल ने सदन में इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में राष्ट्रपति से गुज़ारिश की हैं कि वो केंद्र सरकार को फैसला वापस लेने का निर्देश दें।

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प्रस्ताव में कहा गया है, 'राष्ट्रपति से गुज़ारिश करते हैं कि केंद्र सरकार को नोटबंदी के फैसले को तुरंत वापस लेने का निर्देश दें और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक उच्चस्तरीय जांच गठित की जाए। केंद्र सरकार का ये फैसला देश के प्रति धोखा है और एक पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिये लिया गया है।'

विशेष सत्र के दौरान 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद किये जाने से उभरी परस्थिति पर चर्चा की गई। प्रस्ताव रखे जाने के बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्रवाई को 15 मिनट के लिये स्थगित करना पड़ा। आम आदमी पार्टी के नेता प्रकधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाने लगा थे जिसके बाद ये हंगामा शुरू हुआ।

चर्चा में भाग लेते हुए आप के विधायक अमानतुल्ला खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम आदमी की परेशानी को नहीं समझ पाएंगें, क्योंकि उनके न तो पत्नी है और न ही बच्चे।

इस टिप्पणी के बाद बीजेपी के विधायक और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल के खिलाफ निजी आरोप लगाए, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। आप के कई विधायक वेल में आ गए और सदन को स्थगित करना पड़ा।

इससे पहले सदस्यों ने दो मिनट का मौन धारण कर उन लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी जो नोटबंदी के बाद लाइन में खड़े थे और उनकी मृत्यु हो गई। विजेंद्र गुप्ता और जगदीश प्रधान ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया।