कांग्रेस इस राज्य में बीजेपी को पछाड़ बनी नंबर वन...
राज्य की 29 नगरपालिकाओं, 53 टाउन नगर पालिकाओं और 23 टाउन पंचायतों के 2,633 वार्डो में और तीन नगर निगमों के 135 वार्डो में मतदान हुआ।
नई दिल्ली:
कर्नाटक निकाय चुनाव में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। कुल 2664 सीट में से 2267 सीटों के नतीजे आ चुके हैं जिनमें कांग्रेस 846 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। हालांकि बीजेपी 788 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है। जबकि जेडीएस को मात्र 307 सीटों पर ही सफलता मिली है। वहीं 277 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार को बढ़त मिली है। ज़ाहिर है जेडीएस और बीजेपी दोनों के लिए यह नतीजे निराशाजनक है। बीजेपी अभी तक राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती रही है जबकि जेडीएस कांग्रेस पार्टी पर सरकार चलाने को लेकर दबाव बनाने की बात करती रही है। ऐसे में अब तक बैक फुट पर दिख रही कांग्रेस को एक बार फिर से ख़ुश होने का मौक़ा मिल गया है।
बता दें कि कर्नाटक में सोमवार को 105 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई। राज्य की 29 नगरपालिकाओं, 53 टाउन नगर पालिकाओं और 23 टाउन पंचायतों के 2,633 वार्डो में और तीन नगर निगमों के 135 वार्डो में मतदान हुआ।
निकाय चुनावों के लिए राज्य में 67.5 प्रतिशत मतदाताओं मे मतदान किया। सभी वाडरें में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया था। शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए कुल 36 लाख मतदाताओं ने पंजीकरण कराया और 13.33 लाख मतदाता तीन शहरों मैसूर, शिमोगा और तुमकुरू के थे।
कुल 8,340 उम्मीदवार मैदान में हैं। शहरी निकाय चुनावों में में कांग्रेस के 2,306 उम्मीदवार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 2,203 और जनता दल-सेकुलर (जेडी-एस) के 1,397 मैदान में हैं जबकि 814 शहर निगमों में चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें कांग्रेस से 135, बीजेपी से 130 और जेडी-एस से 129 उम्मीदवार शामिल हैं।
साल 2013 में 4,976 सीटों पर शहरी निकाय चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने 1,960 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी और जेडी-एस ने दोनों ने 905 सीटें जीती थीं और निर्दलियों ने 1,206 सीटें जीती थीं।
कर्नाटक का निकाय चुनाव लोगों का मूड समझने के लिहाज़ से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ज़ाहिर है मई महीने में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं निला था। हालांकि बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में ज़रूर सामने आई इसके बावजूद राज्य में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 114 सीट नहीं जुटा पाई।
हालांकि कांग्रेस के 78 विधायक, कुमारस्वामी की अगुवाई वाली जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) के 37 विधायक और बीएसपी के एक विधायक ने मिलकर राज्य में सरकार ज़रूर बना ली है। इसके बावजूद हर रोज कांग्रेस और जेडीएस के बीच टूट की ख़बरें आ रही है। ऐसे में दोनो दल भी निकाय चुनाव नतीज़ों से लोगों का मूड भंपने की कोशिश करेंगे।
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