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कांवड़ यात्रा को लेकर शिवसेना ने BJP पर साधा निशाना, पूछा- पुष्कर सिंह धामी हिन्दू विरोधी हैं?

शिवसेना (Shivesena) के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा (Kanwad Yatra) रद्द करने का निर्णय लिया, यह उनका अनुभव और बुद्धिमत्ता ही है, तो क्या धामी हिंदू विरोधी हैं?

Updated on: 16 Jul 2021, 11:38 AM

highlights

  • उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर लगाई है रोक
  • यूपी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
  • पीएम मोदी ने भी तीसरी लहर के प्रति लोगों को किया आगाह

मुंबई:

कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के अलग-अलग फैसलों और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कोरोना की तीसरी लहर का खतरा होने के बाद भी ‘कांवड़ यात्रा’ को मंजूरी दे दी. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. कांवड़ यात्रा हिंदुओं की श्रद्धा का विषय है, यह स्वीकार है, लेकिन कुंभ मेले से लेकर कांवड़ यात्रा तक भीड़ का सैलाब आता है, उस बाढ़ में अंतत: भक्तों के ही शव बहते नजर आते हैं.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि आगामी 25 जुलाई को राज्य में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ-साथ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दिए जाने वाले दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा. उधर सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा (Kanwad Yatra) निकालने की अनुमति देने की खबर का स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब- तलब किया है. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट में आज ही जवाह देना है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई भी करेगा. 

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शिवसेना का तंज-क्या धामी हिंदू विरोधी हैं? 
उत्तराखंड सरकार के कांवड़ यात्रा पर रोक के फैसला के बाद शिवसेना ने सामना में इसे लेकर बीजेपी पर तंज भी कसा है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया, यह उनका अनुभव और बुद्धिमत्ता ही है, तो क्या धामी हिंदू विरोधी हैं? ऐसा आरोप लगाकर धामी को भगाओ, कोई ऐसी मांग करने वाला है?  

संपादकीय में दावा किया गया है कि 2019 की कांवड़ यात्रा के लिए साढ़े तीन करोड़ लोग हरिद्वार गए थे. उसी समय यात्रा के उपलक्ष्य में 2 से 3 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पहुंचे थे. इस बार भी ऐसी ही भीड़ जुटेगी, इससे कोरोना तो है ही, परंतु पाबंदियों का उल्लंघन करने से कानून और सुव्यवस्था की समस्या भी खड़ी होगी. सामना में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की तीसरी लहर के संदर्भ में लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है. सर्वाोच्च न्यायालय को भी यह बार-बार कहना पड़ रहा है. प्रधानमंत्री कह रहे हैं फिर भी महाराष्ट्र के भाजपाई नेता होश में नहीं आ रहे हैं.