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अलकायदा के संदिग्ध आतंकियों की सीरियल ब्लास्ट के बाद यह थी प्लानिंग, तैयार था पूरा नक्शा

ऑपरेशन के एक-दो दिन पहले ही वह साजिश का खुलासा मिनहाज व मुशीर से करता. इस मुलाकात के दौरान ही यह भी तय होना था कि मानव बम से विस्फोट कराया जायेगा तो कौन मानव बम बनेगा.

Updated on: 16 Jul 2021, 09:13 AM

highlights

  • मानव बम से भी हमले की थी योजना
  • गिरफ्तार आतंकियों ने किए कई खुलासे
  • ई-रिक्शा चालकों से भी था संपर्क

लखनऊ:

यूपी में सीरियल ब्लास्ट करने के बाद मिनहाज, मुशीर व उसके अन्य साथियों को किस रास्ते से और किस साधन से भागना है, यह सब कमांडर ने तय कर रखा था. उसने बाकायदा भागने के रास्ते का नक्शा तैयार कर लिया था और इस बारे में मिनहाज को जल्दी ही बताने को कहा था. कमांडर ने मिनहाज से पूरी साजिश का खुलासा नहीं किया था. इस आपरेशन की पूरी जानकारी देने के लिये ही वह आने वाला था. माना जा रहा है कि ऑपरेशन के एक-दो दिन पहले ही वह साजिश का खुलासा मिनहाज व मुशीर से करता. इस मुलाकात के दौरान ही यह भी तय होना था कि मानव बम से विस्फोट कराया जायेगा तो कौन मानव बम बनेगा. अगर मानव बम वाला प्लान कैंसिल होता है तो विस्फोट कैसे और कहां किया जायेगा, यह भी मुलाकात के दिन ही तय किया जाना था. 

आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पकड़े गये मिनहाज व मुशीर से रिमाण्ड के तीसरे दिन भी कई घंटे तक पूछताछ की गई. एटीएस के अफसरों का कहना है कि ये लोग खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं. सवालों के अजीबोगरीब जवाब देकर टीम को उलझा रहे हैं. एक ही सवाल को कई बार घुमा-फिरा कर पूछने से कई तथ्य सामने आ रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मिनहाज व मुशीर के कुछ दस्तावेजों से भी काफी जानकारी मिली है. साथ ही अब तब की पूछताछ में कमाण्डर से जुड़े कई तथ्य उसने बताये थे.

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मिनहाज ने एटीएस अफसरों को बताया कि विस्फोट तो कई जगह करने की साजिश रची गई थी. पर, अंतिम समय पर ही इसकी पूरी जानकारी दी जानी थी. कुछ वीडियो के जरिये टिप्स दी गई थी. यह भी बताया गया था कि साजिश के बाद उन्हें भागने के लिये गाड़ियां ट्रैवेल एजेन्सी के जरिये मिलनी थी. यह ट्रैवेल एजेन्सी लखनऊ की हैं अथवा किसी अन्य जगह की. इस बारे में मुशीर व मिनहाज को नहीं बताया गया था. 

नक्शा नहीं जलाया गया
मिनहाज ने पूछताछ में गैराज के अंदर किसी तरह का नक्शा जलाये जाने की बात को गलत बताया. उसने कहा कि अभी नक्शा उसे उपलब्ध ही नहीं कराया गया था. यह जरूर कहा कि कमांडर ने ऑपरेशन को लेकर कई तरह के नक्शे तैयार किये थे, जो जल्दी ही उन लोगों को दिये जाने वाले थे. दोनों कमांडर को उत्तर प्रदेश की पूरी भौगोलिक जानकारी थी. 

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नौकरी के नाम पर कई युवा सम्पर्क में
एटीएस के एक अधिकारी के मुताबिक मिनहाज कई युवाओं के सम्पर्क में था. उसकी बैट्री की दुकान पर अक्सर अलग-अलग जगह से लोग आते रहते थे. वह इन्हें जल्दी ही नौकरी दिलाने की बात कहता था. माना जा रहा है कि मिनहाज इस बहाने से ही उनसे मित्रता बढ़ाता था और यह पता करने की कोशिश करता था कि इनमें कौन उसके लिये ज्यादा मुफीद रहेगा.

एटीएस सूत्रों की मानें तो अब तक की हुई पांचों आरोपियों से पूछताछ में मुख्य आरोपी मिनहाज सबसे खतरनाक और घातक विचारधारा वाला है. मिनहाज पाकिस्तान और कश्मीर के हैंडलर की पूरी मंशा को समझ कर उनकी साजिश को अंजाम दे रहा था. मिनहाज ने ही मसीरुद्दीन को भी विस्फोट की साजिश में कश्मीर के हैंडलर से बात करवा कर शामिल किया था. इसके अलावा, पकड़ा गया मुस्तकीम धार्मिक कट्टरपंथ के चलते इस साजिश में शामिल हुआ था.

यूपी एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मिनहाज ने मसीरुद्दीन को लखनऊ में धमाके के लिए अवैध ई-रिक्शा चालकों और उनके मालिकों से संपर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी दी थी. जिस कड़ी में मसीरुद्दीन डेढ़ दर्जन ई रिक्शा चालकों के संपर्क में भी पहुंच गया था. मिनहाज ने मसीरुद्दीन को साफ निर्देश दिया था कि वही ई-रिक्शा शामिल हो जिनका रजिस्ट्रेशन न हो ताकि भीड़भाड़ वाले इलाके में धमाके से पहले या बाद में पुलिस को ई-रिक्शा मिले भी तो उसके मालिक के बारे में कुछ पता न चल सके.