logo-image

मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, भागवत से मुलाकात के बाद चर्चा तेज

भागवत और सिंधिया की मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में हाशिए पर चल रहे नेताओं की चिंता और बढ़ गई है. भागवत और सिंधिया की मुलाकात उनके बीजेपी में शामिल होने के करीब छह महीने बाद हुई है.

Updated on: 27 Aug 2020, 09:36 AM

नई दिल्ली:

ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को जल्द ही मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के साथ उनकी मुलाकात ने इसकी चर्चा और तेज कर दी हैं. भागवत और सिंधिया की मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में हाशिए पर चल रहे नेताओं की चिंता और बढ़ गई है. भागवत और सिंधिया की मुलाकात उनके बीजेपी में शामिल होने के करीब छह महीने बाद हुई है. बताया जा रहा है कि सिंधिया और भागवत की मुलाकात के पीछे मराठी लॉबी काफी सक्रिय मानी जाती है.

यह भी पढ़ेंः चीन से युद्ध हुआ तो पाकिस्तान से भी होगी जंग, कैप्टन की चेतावनी

हाल ही में सिंधिया ने नागपुर में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सर कार्यवाह भय्याजी जोशी से मुलाकात की थी. यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है कि मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर भी सिंधिया शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत कर चुके हैं. उनके आह्वान पर ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा के तीन दिनी सदस्यता अभियान में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं. साथ ही सिंधिया पर इस इलाके ही 16 विधानसभा सीटों को जिताने की भी जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ेंः अतीक अहमद पर पुलिस की कार्रवाई, 25 करोड़ की संपत्ति सीज

माना जाता है कि जीवाजी राव सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल संभाग में हिंदू महासभा की नींव को बेहद मजबूत किया था. वे अंचल के चुनाव में हिंदू महासभा के प्रत्याशी खड़ा किया करते थे. वर्ष 1957 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करवा दिया था. चारों सीटें हिंदू महासभा को मिली थीं. राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने आरएसएस और जनसंघ को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी.