Justise UU Lalit (Photo Credit: File)
नई दिल्ली:
आज जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें सीजेआई के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. उनका कार्यकाल महज 75 दिनों का होगा. इसके बाद वो रिटायर्ड हो जाएंगे. इतने कम समय के लिए सीजेआई बनना भी बेहद महत्वपूर्ण है. जस्टिस उदय उमेश ललित क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट रहे हैं. वो वकील से सीधे जज बने थे. साल 2014 में उन्हें बार से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में मनोनीत किया गया था. खास बात ये है कि तीन पीढ़ियों से उनके घर में वकालत का ही दबदबा रहा है. जानकारी मिल रही है कि जिस समय जस्टिस यूयू ललित शपथ लेंगे, उस समय उनकी तीन पीढ़ियां वहां मौजूद रहेंगी. जस्टिस यूयू ललित ने संवैधानिक पीठ को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि उनके कार्यकाल में ऐसी संवैधानिक पीठ हो, जो कम से कम 1 साल तक काम कर सके.
अयोध्या मामले से खुद को कर लिया था अलग
जस्टिस यू यू ललित कभी यूपी के सीएम रहे कल्याण सिंह के वकील रहे थे. बाबरी ढहाए जाने के मामले में उन्होंने कोर्ट में कल्याण सिंह का बचाव किया था. जस्टिस यूयू ललित ने इसी बात को याद करते हुए खुद को अयोध्या मामले से अलग कर लिया था. उनका कहना था कि इससे फैसले पर भी असर पड़ता. क्योंकि उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति के लिए वकालत की थी, जो इस मामले से जुड़ा रहा था. बता दें कि जस्टिस उदय उमेश ललित 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं. वो सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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अगले सीजेआई के नाम पर लग चुकी है मुहर
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस यूयू ललित के पास सीजेआई के तौर पर कम ही समय होगा. उन्हें सीजेआई रमना ने अपना उत्तराधिकारी चुना था. रमना शुक्रवार को अपने पद से रिटायर हो गए. महज 75 दिनों के कार्यकाल को शुरुआत करने से पहले ही उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम पर मुहर लगा दी है. जस्टिस यूयू ललित के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. वो दो साल तक इस पद पर रहेंगे.