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लखीमपुर हिंसा पर नड्डा की दो टूक, कहा- कोई भी कानून से ऊपर नहीं

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Violence) की घटना को दुखद बताया है. उन्‍होंने आश्‍वासन दिया है कि इसकी समुचित जांच होगी.

Updated on: 09 Oct 2021, 08:15 AM

highlights

  • कानून अपना काम करेगा. कोई भी कानून से ऊपर नहीं
  • सर्वश्रेष्ठ पेशेवर और वैज्ञानिक स्तर की जांच की जाएगी
  • एमएसपी थी, है... रहेगी. हम एमएसपी पर खरीदारी करेंगे

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Violence) की घटना को दुखद बताया है. उन्‍होंने आश्‍वासन दिया है कि इसकी समुचित जांच होगी. दोषियों को सजा मिलेगी. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. हिंसा की इस घटना को चुनावी चश्‍मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'कानून अपना काम करेगा. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. एक एसआईटी का गठन किया गया है. सर्वश्रेष्ठ पेशेवर और वैज्ञानिक स्तर की जांच की जाएगी. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.' हिंसा में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे की कथित संलिप्तता के सवाल पर नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि न तो भाजपा और न ही उसकी सरकार ऐसी किसी भी गतिविधि का समर्थन करती, जहां कानून हाथ में लिया जाए. नड्डा ने कहा कि हिंसा की घटना को चुनाव के नजरिए से नहीं, बल्कि मानवता के नजरिए से देखा जाना चाहिए.

किसान आंदोलन पर क्या बोले नड्डा
बीजेपी अध्यक्ष ने इस दौरान किसान आंदोलन पर भी खुलकर बात की. इस दौरान कृषि कानून रद्द करने पर विचार के सवाल पर उन्होंने कहा हमें समझना होगा कि किसान नेता, किसानों का नेता, ये नारा लेकर कई राजनेता किसान नेता के नाम से पहचाने गए हैं. बहुत दिनों से किसानों के बारे में चर्चा हुई. हम मंत्री भी रहे. 22 हजार बजट होता था. अब 1.23 लाख करोड़ बजट है. ये कर्ज माफी करके अपने आपको किसान  का चैंपियन समझने लगे हैं. 10 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि के माध्यम से रुपए पहुंचाए हैं. उन्होंने कहा कि कभी कोई किसान सोच सकता था कि उसे पेंशन मिलेगी, उसे पेंशन मिलने लग गई. कभी किसी ने सोचा था कि उर्वरक की बोरी 2400 की बोरी 1200 में मिलने लगी. डेढ़ गुना एमएसपी मिलेगी. खरीदी हुई है. एमएसपी थी, है और रहेगी और हम एमएसपी पर खरीदारी जारी रखेंगे.

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मोदी सरकार किसानों के साथ
यही नहीं, जेपी नड्डा ने कहा कि आप पेन बनाते हो तो उसे बेचने का अधिकार सब जगह है, लेकिन किसान फसल लगाता है तो वो फसल मंडी में ही बेच सकता है. ये 70 साल की पाबंदी है या छूट है. 11 दौर की बातचीत हुई. अभी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसको सस्पेंड करो, हमने सस्पेंड कर दिया. जब हम बात करने को तैयार हैं. हम आपके प्रॉविजन को सस्पेंड करके बात करने को तैयार हैं. आप घोड़े को पानी के पास तक ले जा सकते हैं लेकिन उसे पानी पीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते. बीजेपी की इस तरीके से जमीन हिलाई नहीं जा सकती. जमीन पर भारत की जनता मुंह तोड़ जवाब देती है. उन्होंने कहा कि हम आज भी बातचीत के लिए तैयार हैं. आपकी कुर्सी चली गई, इसलिए आप हल्ला करना शुरू करो, तो ये पीड़ा निकल रही है.