JNU Violence: दिल्ली पुलिस ने 7 और छात्रों की पहचान की- सूत्र
JNU Violence: दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों से सात और छात्रों की पहचान की गई है.
नई दिल्ली:
JNU Violence: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 5 जनवरी को हुई हिंसा मामले में 7 और छात्रों की पहचान कर ली गई है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने रविवार को बताया है कि हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों से सात और छात्रों की पहचान की गई है. इसके साथ ही मामले में वार्डन, 13 सुरक्षा गार्ड और पांच छात्रों के बयान भी दर्ज किए गए. बता दें कि 5 जनवरी को जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश लाठी डंडे लेकर घुस आए थे. इन नकाबपोश उपद्रवियों के हमले में 36 से ज्यादा छात्र जख्मी हुए हैं. दिल्ली पुलिस पहले ही कुछ को पहचानने का दावा कर चुकी है, जबकि अधिकांश की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है.
Delhi Police Sources: Seven more students have been identified from the videos and photos that are viral on social media. Statements of warden, thirteen security guards and five students recorded. #JNUViolence pic.twitter.com/JRrk6AmJ2i
— ANI (@ANI) January 12, 2020
उधर, जेएनयू प्रशासन अब सभी हॉस्टल्स का सुरक्षा ऑडिट करवाएगा. इस बाबत दिल्ली पुलिस द्वारा जेएनयू के रजिस्ट्रार को सूचित कर दिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी हॉस्टल्स में रह रहे सभी छात्रों से तुरंत इसकी जानकारी देने को कहा है. छात्रों के अलावा हॉस्टल्स के वॉर्डन को भी सुरक्षा ऑडिट में शामिल होने के निर्देश हैं. जेएनयू के डीन ऑफ स्टूडेंटस उमेश ए कदम ने हॉस्टल्स के सुरक्षा ऑडिट के लिए बकायदा एक ऑर्डर जारी किया है.
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डीन उमेश ए कदम के मुताबिक, विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस के आग्रह पर ही करवाई जा रही है. दिल्ली पुलिस को संदेह है कि जेएनयू में कुछ बाहरी लोग रह रहे हैं. इसी संदेह के चलते दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार से संपर्क कर जेएनयू हॉस्टल का सुरक्षा ऑडिट करवाने की मांग की है. पुलिस की इस मांग पर अब सभी हॉस्टल्स में यह सुरक्षा ऑडिट करवाया जा रहा है.
इससे पहले शनिवार को जेएनयू छात्रसंघ ने आरोप लगाया कि पुलिस को 5 जनवरी को हिंसा होने से बहुत पहले भीड़ के जमा होने की सूचना दी गई थी जिसकी उसने अनदेखी की. जेएनयू छात्रसंघ ने दावा किया कि उन्हें अपराह्न तीन बजे इसकी सूचना दी गई और अपराह्न तीन बजकर सात मिनट पर पुलिस इसे पढ़ चुकी थी, बावजूद इसके अनदेखी की गई. उसने यह भी आरोप लगाया कि छात्राओं और छात्रसंघ पदाधिकारियों पर हमले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के लोग शामिल थे.
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