जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तान के दो आदर्श नेता हैं : नितिन गडकरी
देश के लोकतंत्र को यशस्वी बनाने के लिए मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है. पं. जवाहर लाल नेहरू ने हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान किया. मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है.
highlights
- नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तान के दो आदर्श नेता
- अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत हमारी प्रेरणा है
- मानसून सत्र में विपक्ष का रवैया गैर जिम्मेदाराना
नई दिल्ली:
जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तान के दो आदर्श नेता हैं. दोनों कहते थे कि हम हमेशा अपने लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करेंगे. ये बातें केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हैं. वे न्यून नेशन के कार्यक्रम 'शहर बनारस'- 'बनारस बोलत हौ...' में अपनी बात रख रहे थे. यह कार्यक्रम दिल्ली के होटल ताजमहल में संपन्न हुआ. उन्होंने आगे कहा कि इस देश के लोकतंत्र को यशस्वी बनाने के लिए मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है. पं. जवाहर लाल नेहरू ने हमेशा अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान किया. मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है.
गडकरी ने लोकतंत्र की सफलता के लिए विपक्ष को आवश्यक बताते हुए कहा, लोकतंत्र की गाड़ी अगर ठीक से चले तो सत्तापक्ष के साथ विपक्ष को भी मजबूत होना चाहिए. लोकतंत्र की गाड़ी के दो पहिए हैं-सत्तापक्ष और विपक्ष. विपक्ष को मजबूत होना चाहिए और सत्तापक्ष पर उसका अंकुश बना रहना चाहिए.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत विपक्ष बन कर जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए. लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है.
लोकतंत्र के चारों स्तंभों-विधायिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका और मीडिया को अपना काम जिम्मेदारी से करने की सलाह देते हुए गडकरी ने कहा कि यदि इसमें से एक भी अंग ठीक से काम नहीं करेगा तो लोकतंत्र ठीक से नहीं चल सकता.
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संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के रवैए पर गडकरी ने कहा कि विपक्ष का रवैया गैर जिम्मेदाराना है. अब वो कह रहे हैं कि जब आप विपक्ष में थे तो क्या करते थे? लगता विपक्ष की चेयर ही खराब है. विपक्ष की भूमिका क्या हो, इस पर सबको आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. और हमें लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करना चाहिए.
गडकरी ने एक घटना को याद करते हुए कहा, "मैं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता था और उस समय विधानसभा में रोज सत्तापक्ष का विरोध हो रहा था. उस दौरान विधानसभा की घटना अखबारों में खूब छप रही थी. उसी समय हमने अटल जी को घाटकोपर के फ्लाईओवर के उद्घाटन के लिए बुलाया था. हम गाड़ी में बैठे थे और अटल जी ने अखबार देखकर कहा, नितिन ये सब क्या करते हो! ये अच्छा नहीं है, अपनी बात कहना चाहिए और लोगों तक ले जाना चाहिए. लोकतंत्र में काम करने का ये तरीका नहीं है."
गडकरी ने कहाकि अटल की विरासत हमारी प्रेरणा है. नेहरू ने भी लोकतंत्र के लिए बहुत काम किया. आज जो सत्ता में हैं कल विपक्ष में हो सकते हैं, आज विपक्ष में जो हैं कल सत्ता में आ सकते हैं. इसलिए सबको आत्मपरीक्षण करना चाहिए. लोकतंत्र की मजबूती के लिए सबको मिलकर काम करना होगा. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका बदलती रहती है. हमारी जिम्मेवारी बदलती रहती है. इसलिए हमें अपनी भूमिका का निर्वहन जिम्मेदारी से करना चाहिए.
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