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Exclusive:राम के नाम पर राजनीति गलत, कांग्रेस के अल्वी ने कही ये बात

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने राम के नाम राजनीति को बिल्कुल गलत बताया. उन्होने कहा की देश राम के नाम का गलत उपयोग हो रहा है. आम आदमी से जबरजस्ती जय श्रीराम के नारे लगवाये जा रहे हैं. जो तानाशाही है.

Updated on: 12 Nov 2021, 09:18 PM

highlights

  • न्यूज नेशन के कार्यक्रम देश की बहस में बोल रहे थे राशिद अल्वी 
  • आम आदमी से जबरदस्ती जय श्रीराम का नारा लगवाया जा रहा है
  •  भारत में राम राज्य की जरुरत, नफरत की नहीं 

नई दिल्ली :

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने राम के नाम राजनीति को बिल्कुल गलत बताया. उन्होने कहा की देश राम के नाम का गलत उपयोग हो रहा है. आम आदमी से जबरजस्ती जय श्रीराम के नारे लगवाये जा रहे हैं. जो तानाशाही है. कांग्रेस के भारत में राम नाज होना चाहिए, नफरत नहीं होना चाहिए. अल्वी ने कहा कि एक घाट पर बकरी और शेर दोनों पानी पीते हैं. यही है असली राम राज्य की पहचान. लेकिन अब बीजेपी राम राज्य की आड़ वोट बटोरना चाहती है. जिसे जनता समझ चुकी है. दरअसल. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी न्यूज नेशन के कार्यक्रम 'देश की बहस' डिवेट के दौरान ये सब बातें बोल रहे थे. उन्होने न्यूज नेशन से बताया कि मेरे बयान को तरोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है.

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दरअसल, देश की बहस कार्यक्रम में आज हिन्दुत्व को लेकर डिवेट का आयोजन किया गया था. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांग्रेस अल्वी ने प्रतिभाग किया. बताया गया कि राम के नाम पर राजनीति और तृष्टिकरण बिल्कुल गलत है. राशिद अल्वी ने कहा कि मैने रामायण का प्रशंग सुनाया था. जिसे तरोड़-मरोड़कर पेश किया गया. उन्होने कहा कि 
राम का नारा लगाने वाले सभी राक्षस नहीं है, साथ ही कोई भी मजबह आतंक नहीं सीखाता है. उन्होने कहा कि कुछ लोग इस्लामिक आतंकवाद का नाम इस्तेमाल करते हैं, सभी इस्लाम को मानने वालों को आतंकवादी कहना भी गलत है. कांग्रेस कभी भी देश को तोड़ने की राजनीति नहीं करती.

गौरतलब है किताब में सलमान खुर्शीद ने कहा है कि 'हिंदुत्व' का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया जाता है. इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान इसका ज्यादा जिक्र किया जाता रहा है. किताब में उन्होंने कहा कि 'सनातन धर्म या क्लासिकल हिंदुइज्म को किनारे करके हिंदुत्व को आगे बढ़ाया जा रहा है. यह बात किताब के 113 नंबर पेज कही गई है. साथ ही  अपनी किताब में सलमान ने हिंदुत्व की तुलना ISIS और बोको हरम से की है. किताब के अंश पर राशिद अल्वी ने किनारा करते हुए कहा कि ये सलमान खुर्शीद के अपने विचार हैं.